Women’s Hundred (Image Credit- Twitter X)
इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) दुनियाभार के शानदार खिलाड़ियों को लुभाने के लिए महिला द हंड्रेड टूर्नामेंट में 8 लाख यूरो का निवेश करने जा रहा है। ईसीबी के इस फैसले के बाद लीग में जेंडर पे में जो असमानता थी, वो अब कम हो जाएगी। जबकि लगातार तीसरे सीजन के लिए पुरुष की सैलरी पर अंकुश लगने वाला है।
ईएसपीएन क्रिकइंफो की माने तो वूमेंद द हंड्रेड टूर्नामेंट में हर एक टीम की सैलरी को 40 प्रतिशत तक बढ़ाया जा सकता है। वर्तमान में हर टीम को 2.50 लाख यूरो, महिला खिलाड़ियों की सैलरी के लिए मिल रहे हैं, लेकिन अब ईसीबी द्वारा निवेश के बाद हर टीम को 3.50 लाख यूरो मिलने जा रहे हैं। इसके बाद पिछले सीजन में जो टाॅप 2 खिलाड़ी 31,250 यूरो कमाते थे, वो अब 50,000 यूरो कमाते हुए नजर आएंगे।
साथ ही आपको बता दें कि महिला द हंड्रेड और भारत में होने वाली महिला प्रीमियर लीग की सैलरी में काफी अंतर था। लेकिन अब ईसीबी के निवेश के बाद यह अंतर भरता हुआ नजर आ रहा है। गौरतलब है कि WPL में राॅयल चैलैंजर्स बैंगलोर की स्मृति मंधाना को सबसे ज्यादा 3.4 करोड़ रूपए (3.20 लाख यूरो) का भुगतान होता है, महिला द हंड्रेड में प्रति खिलाड़ी 31,250 यूरो मिलने से कही ज्यादा है। इसके अलावा WPL में ऑस्ट्रेलिया की ताहिला मैग्राथ और एश्ले गार्डनर को भी एक अच्छी खासी रकम मिलती है।
ईसीबी के इस फैसले के बाद पुरुष द हंड्रेड के तीसरे सीजन में खिलाड़ियों की सैलरी समान रहने वाली है। इसमें कोई परिवर्तन देखने को नहीं मिलेगा। पिछले सीजन में हाईएस्ट क्रिकेटर को 1.25 लाख यूरो का भुगतान हुआ था।
तो वहीं इससे पहले स्वतंत्र कमीशन फॉर इक्विटी इन क्रिकेट (ICEC) ने 2025 तक महिला और पुरुष द हंड्रेड टूर्नामेंट में खिलाड़ियों की सैलरी बढ़ाने को लेकर ईसीबी से सिफारिश की थी, क्योंकि दोनों की सैलरी में काफी अंतर था। लेकिन आगामी सीजन से पहले बोर्ड ने इस अंतर को कम करने की ओर कदम बढ़ा दिया है।