
Ravi Shastri (Source X)
मुंबई के प्रतिष्ठित वानखेड़े स्टेडियम ने रविवार, 19 जनवरी को अपनी 50वीं सालगिरह का शानदार जश्न मनाया। इस खास मौके पर कई यादगार पल बने, जिनमें से एक पल था जब क्रिकेट के दिग्गज रवि शास्त्री ने अपनी ऐतिहासिक “छह छक्कों” की घटना को अपनी विशेष कमेंट्री शैली में याद किया।
रवि शास्त्री ने जब लगाए थे 6 छक्के
1985 में, मुंबई और बड़ौदा के बीच रणजी ट्रॉफी के एक मुकाबले में रवि शास्त्री ने एक ओवर में लगातार छह छक्के मारे थे, जो क्रिकेट इतिहास में एक उपलब्धि बन गई। शास्त्री ने बड़ौदा के गेंदबाज तिलक राज को अपना शिकार बनाया था। शास्त्री का यह कारनामा एक डबल शतक का हिस्सा था, जिसकी बदौलत मुंबई ने उस सीजन में अपनी 30वीं रणजी ट्रॉफी जीतने में सफलता पाई।
शास्त्री ने इस यादगार पल को फिर से जीवंत करते हुए कहा, “जब मैंने छह छक्के मारे थे, तब न तो टीवी था और न ही कमेंट्री। पहला छक्का उस दिशा में गया। दूसरा उस दिशा में। तीसरा मिड-विकेट पर। वह अच्छा गेंदबाज था, तो चौथा गेंद लेग-स्टंप पर डाली। फिर मैंने उसे गावस्कर स्टैंड तक भेज दिया। पांचवां हॉकी मैदान की दिशा में और फिर छठा…।”
उसके बाद रवि शास्त्री उठे और अपने अंदाज में आखिरी गेंद की कमेंट्री की-
शास्त्री ने अपनी कमेंट्री में आगे कहा, “तिलक राज गेंदबाज। बल्लेबाज रवि शास्त्री स्ट्राइक पर। लकड़ी की तरह कठोर। अमरनाथ कवर में। किरन मोरे स्टंप्स के पीछे सजग। राज गेंदबाजी करते हैं। यह फ्लैट सिक्स, जैसे कोई स्कड मिसाइल हो। गेंद लॉन्ग-ऑफ से बाहर गई। और मुम्बई में पार्टी शुरू होती है। मुम्बई ड्रेसिंग रूम में। 10 जनवरी 1985।”
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Ravi Shastri describing his Six Sixes in an over in a Ranji match at Wankhede in his own commentary style.
Don’t miss the end 🤣🔥 pic.twitter.com/5O43FV80Bf
— Johns (@JohnyBravo183) January 19, 2025
रवि शास्त्री का योगदान और वानखेड़े का ऐतिहासिक पल
यह कार्यक्रम सिर्फ वानखेड़े स्टेडियम के 50 सालों का जश्न नहीं था, बल्कि यह भारतीय क्रिकेट के इतिहास के उन ऐतिहासिक पलों की याद भी दिलाता है, जिन्होंने क्रिकेट को दुनिया के सबसे बेहतरीन खेलों में से एक बना दिया। शास्त्री का छह छक्कों का कारनामा और उनकी उस पल की कमेंट्री ने यह साबित कर दिया कि क्रिकेट केवल खेल नहीं, बल्कि एक जादू है, जो हमेशा लोगों के दिलों में रहेगा।