
South Africa’s Temba Bavuma. (Photo by OLI SCARFF/AFP/Getty Images)
दक्षिण अफ्रीका ने विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के तीसरे चक्र में सिर्फ चार मैच खेले हैं। वहीं इसकी तुलना में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड ने 12-12 मैच, भारत ने नौ मैच, न्यूजीलैंड और वेस्टइंडीज ने छह-छह मैच और पाकिस्तान ने पांच मैच खेले हैं। साउथ अफ्रीका ने जो चार टेस्ट मैच खेले हैं उनमें से दो न्यूजीलैंड के खिलाफ खेले गए थे। इन 2 मैच में साउथ अफ्रीका के पहली पसंद के खिलाड़ी SA 20 टूर्नामेंट खेलने में बिजी थे। जिसके वजह से प्रोटियाज की बी टीम दौरे पर गई थी।
टेम्बा बावुमा (Temba Bavuma) की अगुवाई वाली टीम वर्तमान में WTC (World Test Championship) अंक तालिका में सातवें स्थान पर है और वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल के लिए क्वालीफाई करना एक कठिन काम लगता है। इस बीच, कप्तान ने शेड्यूल के बारे में खुलकर बात की और बताया कि खिलाड़ियों को हमेशा ऐसा लगता है कि वे बार-बार नई शुरुआत कर रहे हैं क्योंकि टीम में निरंतरता ही नहीं है।
टेम्बा बावुमा ने टीम के कैलेंडर पर जताई नाराजगी
वर्ल्ड की 3 बड़े टीम ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और भारत में खिलाड़ियों को लेकर कोई समस्या नहीं है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर टीम के लिए मैच खेलने के लिए हमेशा मौजूद रहते हैं, लेकिन साउथ अफ्रीकी खिलाड़ी लीग क्रिकेट खेलने के लिए देश की टीम को हाथ दे देते हैं। इसपर बावुमा ने कहा कि टीम प्रबंधन टेस्ट ब्लूप्रिंट पर चर्चा कर रहा है। इसकी मदद से शेड्यूल और टीम कैलेंडर को सुधारा जाएगा। बावुमा को उम्मीद है कि आगे चलकर चीजें बेहतर होंगी।
उन्होंने कहा कि तमाम चुनौतियों के बावजूद 7 अगस्त से शुरू होने वाली दो मैचों की सीरीज में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेलने से पहले खिलाड़ियों में उत्साह है।
“यह एक ऐसी चुनौती है जो जरूरी नहीं कि हमारे लिए अनोखी हो। क्योंकि यह एक ऐसी चुनौती है जिसका सामना बड़ी तीन टीमों के बाहर सभी टीमों को करना पड़ता है। ऐसा महसूस होता है कि हम एक टीम के रूप में बार-बार शुरुआत कर रहे हैं। चुनौती यह है कि हमारे पास जो कुछ है उसके साथ काम करना है। हम इसे बहाने के रूप में उपयोग नहीं करते हैं।”