Ayush Badoni (Pic Source-Twitter)
रणजी ट्रॉफी 2024 में अभी तक दिल्ली टीम का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा है। दिल्ली ने अभी तक इस महत्वपूर्ण टूर्नामेंट में तीन मैच खेले हैं और उन्हें सिर्फ एक ही अंक मिला है। यह एक अंक उन्हें जम्मू और कश्मीर के खिलाफ ड्रॉ हुए मुकाबले के दौरान मिला। यही नहीं दिल्ली को इस टूर्नामेंट में मध्य प्रदेश और पुडुचेरी के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा है।
रणजी ट्रॉफी 2024 के Elite Group D की अंक तालिका में दिल्ली सबसे नीचे है। टीम इस समय अपना चौथा मुकाबला उत्तराखंड के खिलाफ मोहाली में खेल रही है। इस मैच में दिल्ली ने युवा बल्लेबाज आयुष बडोनी को प्लेइंग XI में शामिल नहीं किया है। बता दें, आयुष बडोनी का प्रदर्शन अभी तक रणजी ट्रॉफी 2024 में काफी निराशाजनक रहा है। आयुष बडोनी ने अभी तक इस टूर्नामेंट में 2 रन, 4 रन, 12 रन, 41 रन और 6 रन पांच पारियों में बनाए हैं।
दिल्ली और जिला क्रिकेट संघ (DDCA) के अधिकारियों के कहने पर 26 जनवरी को आयुष बडोनी को टीम होटल में रुकने के लिए कहा गया था। हालांकि इसके बावजूद दिल्ली टीम का प्रदर्शन उत्तराखंड के खिलाफ खेले जा रहे मैच में इतना अच्छा नहीं रहा और टीम पहली पारी में 147 रन पर ऑलआउट हो गई।
हालांकि अब दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि आयुष बडोनी को टीम से बाहर करने का फैसला उन्हें बीसीसीआई की मैच फीस से मरहूम (Deprive) रखने के लिए किया गया। अधिकारी ने यह भी बताया कि दिल्ली के एक और खिलाड़ी क्षितिज शर्मा को खेलने का दबाव उन पर था जो भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के पूर्व पदाधिकारी के करीबी हैं।
हां, क्षितिज शर्मा को खिलाने का दबाव था: DDCA अधिकारी
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक सीनियर DDCA के अधिकारी ने कहा कि, ‘हां, क्षितिज को खिलाने का दबाव था और खासतौर पर आयुष बडोनी को 15 से बाहर रखने के लिए योजना बनाई गई थी ताकि उन्हें बीसीसीआई की आवंटित मैच फीस ना मिले। जो भी खिलाड़ी पहले 15 में रहते हैं उन्हें बीसीसीआई की मैच फीस मिलती है। और अगर उन्हें पीएमओ (Player and Match Officials Area) में आने की अनुमति नहीं दी जा सकती थी इसलिए सोचा गया कि अब आयुष को होटल में ही रहने के लिए कहा जाए।’
DDCA के डायरेक्टर के करीबी अधिकारी ने कहा कि, ‘टीम मैनेजर को उनके खाने का इंतजाम अलग से करना पड़ता है क्योंकि बीसीसीआई इसके लिए भुगतान नहीं करता है और ब्रेक या मैच के दौरान भी वह नेट्स पर नहीं जा सकते थे क्योंकि पंजाब क्रिकेट संघ का कैंप चल रहा है। इसलिए उन्हें होटल में रखना बेहतर था।
सीनियर अधिकारी ने आगे कहा कि, ‘अगर आयुष ने शतक बनाया होता तो तमाम आलोचकों की बोलती बंद हो गई होती जो उन्हें दिल्ली क्रिकेट से बाहर रखना चाहते हैं और क्षितिज जैसे खिलाड़ियों को भी मौका नहीं मिलता। सच बताऊं तो क्षितिज जैसे खिलाड़ियों को ड्रेसिंग रूम में भी आना नहीं चाहिए क्योंकि वो भी रन नहीं बन पा रहे हैं।’