Hardik Pandya (Image Credit- Twitter X)
आईपीएल 2024 के लिए ऑक्शन इस महीने 19 दिसंबर को दुबई में होने जा रहा है। तो वहीं ऑक्शन से पहले 26 नवंबर, 2023 तक सभी टीमों के पास अपने द्वारा रिटेन और रिलीज खिलाड़ियों की लिस्ट बीसीसीआई को सौंपनी थी।
तो वहीं इस कड़ी में जब गुजरात टाइटंस ने अपनी लिस्ट जारी की तो रिटेन खिलाड़ियों की लिस्ट में हार्दिक पांड्या का नाम शामिल था। हालांकि, इससे पहले खबर चल रही थी कि पांड्या को मुंबई इंडियंस गुजरात से ट्रेड कर सकती है।
लेकिन इसके बाद ऐसा ही हुआ, रिटेन खिलाड़ियों की लिस्ट में नाम आने के बाद ठीक अगले दिन हार्दिक को लेकर बीसीसीआई ने जानकारी दी गुजरात से मुंबई में खिलाड़ी को एक कैश डील के जरिए ट्रांसफर कर दिया गया है। तो वहीं इसके बाद क्रिकेट में जगत में काफी चर्चा देखने को मिली कि आखिर रिटेन होने के बाद हार्दिक को कैसे ट्रांसफर या ट्रेड किया जा सकता है?
साथ ही आपको बता दें कि साल 2010 में कुछ ऐसा ही ऑलराउंडर रविंद्र जडेजा के साथ हुआ था, जिसके लिए उन्हें 1 साल का आईपीएल से बैन झेलना पड़ा था। बता दें कि इस सीजन जडेजा ने राजस्थान राॅयल्स के साथ अपने काॅन्ट्रैक्ट को रिन्यू नहीं किया था और बिना इसके ही वह मुंबई इंडियंस के साथ एक डील के लिए मोल-भाव कर रहे थे। तो वहीं इसके बाद जडेजा को आईपीएल के ट्रेडिंग और संचालन नियमों के खिलाफ पाया गया और उन्हें एक साल का बैन झेलना पड़ा।
क्या कहता है कि ट्रेडिंग जुड़ा नियम
आईपीएल ट्रेडिंग और संचालन के नियमों के अनुसार अगर कोई खिलाड़ी बिना काॅन्ट्रैक्ट रिन्यू के ट्रेडिंग प्रक्रिया में भाग लेता है, तो उसे इन नियमों के खिलाफ पाया जाता है। साथ ही बता दें कि ट्रेडिंग प्रक्रिया टीम टू टीम हो सकती है, एक खिलाड़ी किसी फ्रेंचाइजी से सीधे तौर पर डील नहीं कर सकता है।
खिलाड़ी या तो सीधे ऑक्शन में जाते हैं या फिर फ्रेंचाइजी के साथ अपने काॅन्ट्रैक्ट को रिन्यू करते हैं। बिना काॅन्ट्रैक्ट रिन्यू किए कोई खिलाड़ी अगर फ्रेंचाइजी से डील लेने के लिए मोल-भाव करता है तो इसे आईपीएल ट्रेडिंग और संचालन नियमों का उल्लंघन माना जाएगा।
तो वहीं पांड्या के मामले को भी मौटे तौर पर आईपीएल ट्रेडिंग और संचालन का उल्लघंन ही माना जा रहा है, क्योंकि गुजरात टाइटंस के साथ कागजी प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही पांड्या को मुंबई इंडियंस ने ट्रेड किया है, जिसके लिए वह 15 करोड़ रुपए गुजरात को देने वाले हैं। खैर, अब देखने लायक बात होगी कि क्या आईपीएल की गर्वनिंग काउंसिल इस पर कोई बड़ा फैसला लेती है या नहीं?