Shoaib Bashir. (Image Source: Getty Images)
England’s tour of India 2024, IND vs ENG: इंग्लैंड के युवा स्पिनर शोएब बशीर (Shoaib Bashir) के वीजा मुद्दे को लेकर क्रिकेट बिरादरी के बीच काफी बवाल मचा पड़ा है, जिस पर अब भारत के पूर्व क्रिकेटर और कमेंटेटर वेंकटेश प्रसाद (Venkatesh Prasad) ने बड़ा बयान दिया है।
आपको बता दें, पाकिस्तानी मूल के शोएब बशीर (Shoaib Bashir) को अबू धाबी से इंग्लैंड क्रिकेट टीम के साथ भारत आने की अनुमति नहीं मिल पाई। समरसेट के ऑफ-स्पिनर को भारत में प्रवेश के लिए आवश्यक कागजी कार्रवाई पूरी करने के लिए अबू धाबी से वापस लंदन जाना पड़ा। जिसके कारण वह भारत और इंग्लैंड के बीच आज से हैदराबाद में खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच से चूक गए हैं।
Shoaib Bashir के वीजा मुद्दे पर Venkatesh Prasad ने बड़ा बयान दिया
हालांकि, शोएब बशीर (Shoaib Bashir) को अब भारतीय वीजा मिल गया है, लेकिन इस मुद्दे पर अभी भी चर्चा जोरो से जारी है। न केवल अंग्रेजी मीडिया बल्कि इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने भी शोएब के वीजा विवाद को लेकर निराशा जाहिर की और कहा टीम को उनके बिना भारत आना ही नहीं चाहिए थे। सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि इंग्लैंड के प्रधामंत्री ऋषि सुनक के एक प्रवक्ता ने भारत सरकार को ब्रिटिश लोगों के साथ वीजा मुद्दे पर वाजिब ट्रीटमेंट देने का मश्वरा दिया।
अब भारत के पूर्व तेज गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद (Venkatesh Prasad) ने इस मुद्दे में अपने देश का समर्थन करते हुए “बुनियादी प्रक्रियाओं का पालन नहीं करने” के लिए इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड (ECB) की आलोचना की है। प्रसाद ने यह भी कहा इस तरह की चीजों पर रोना-धोना अंग्रेजो की पुरानी आदत है।
रोना-धोना अंग्रेजो की पुरानी आदत है: वेंकटेश प्रसाद
वेंकटेश प्रसाद ने टेलीग्राफ क्रिकेट की X पर जवाबी हमला बोलते हुए कहा: “ब्रिटेन में शोएब बशीर के वीजा पर मोहर लगनी जरूरी थी। ECB ने यह सोचकर शोएब बशीर को यूएई भेजा कि किसी तीसरे देश में उसके वीजा पर मुहर लग जाएगी। बुनियादी प्रक्रियाओं का पालन न करना, चीजों को मान लेना और फिर रोना-धोना एक पुराना अंग्रेजी तरीका है। यदि इसमें किसी की कोई है तो वो ECB की है।”
His visa needed to be stamped in the UK. The ECB sent Shoaib Bashir to the UAE, thinking it would be stamped in a third country.
Not following basic procedures , assuming things and then crying foul is an old English way.
If anyone, it is the ECB at fault. https://t.co/Fw8tG0XsD8
— Venkatesh Prasad (@venkateshprasad) January 24, 2024