Shreyas Iyer (Image Credit- Twitter X)
दलीप ट्रॉफी 2024 के दूसरे राउंड में तीसरा मुकाबला इंडिया ए और इंडिया डी के बीच अनंतपुर में गया, जहां 488 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए इंडिया डी की टीम 301 रनों पर ऑलआउट हो गई। इस तरह इंडिया ए ने 186 रनों से शानदार जीत दर्ज की। श्रेयस अय्यर की कप्तानी में इंडिया डी को लगातार दूसरे मैच में हार का सामना करना पड़ा है। वहीं इंडिया ए ने मयंक अग्रवाल की कप्तानी में पहली जीत दर्ज की।
मुकाबले की बात करें तो, पहले दो दिन बल्लेबाजी थोड़ी मुश्किल थी और मयंक अग्रवाल की टीम ने पहले सत्र में पांच विकेट गंवा दिए। हालांकि, शम्स मुलानी और तनुष कोटियन के बीच साझेदारी की बदौलत इंडिया ए ने पहली पारी में 290 रन बनाए। कोटियन ने 80 गेंदों में 6 चौके और एक छक्के की मदद से 53 रनों की पारी खेली, जबकि शम्स मुलानी ने 187 गेंदों में 8 चौके और 3 छक्कों की मदद से 89 रन बनाए।
इसके जवाब में इंडिया डी लड़खड़ा गई और देवदत्त पडिक्कल (92) को छोड़कर उनका कोई भी बल्लेबाज रन नहीं बना सका। श्रेयस अय्यर और संजू सैमसन जल्दबाजी में शॉट खेलकर आउट हो गए।
दूसरी पारी में पिच सपाट थी और प्रथम सिंह और तिलक वर्मा ने कमाल की बल्लेबाजी करते हुए शतक बनाए, जबकि शाश्वत रावत ने शानदार अर्धशतक बनाया। प्रथम सिंह ने 189 गेंदों में 12 चौके और एक छक्के की मदद से 122 रन बनाए, जबकि तिलक वर्मा ने 193 गेंदों में 111* और शाश्वत रावत ने 88 गेंदों में नाबाद 64 रनों की पारी खेली। इंडिया-ए ने 98वें ओवर के बाद 380 के स्कोर पर पारी घोषित कर दी।
रिकी भुई का शतक हुआ व्यर्थ
488 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए इंडिया डी एक बार फिर लड़खड़ा गई। अथर्व तायडे सस्ते में आउट हो गए। यश दुबे और रिकी भुई ने कुछ हद तक पारी को संभाला। दुबे के आउट होने के बाद चीजें इंडिया डी के पक्ष में नहीं गई। एक छोर से विकेट गिरते रहे, जबकि दूसरे छोर से रिकी भुई डटे रहे। उन्होंने 195 गेंदों में 14 चौके और 3 छक्कों की मदद से 113 रनों की पारी खेली, लेकिन वह टीम को जीत नहीं दिला पाए। इस हार के साथ ही इंडिया डी ट्रॉफी की रेस से बाहर हो गई है, क्योंकि वह अब दो मैचों में से दो में हार चुकी है। दूसरी ओर, इंडिया ए ने इंडिया बी के खिलाफ हारने के बाद शानदार वापसी की है।
श्रेयस अय्यर ने व्यक्त की निराशा
मैच के बाद श्रेयस काफी निराश नजर आए। उन्होंने मुकाबले के बाद ने कहा, पहली गेंद से ही हम सही राह पर थे। चार विकेट चटकाए, लेकिन शम्स और कोटियन ने शानदार प्रदर्शन किया। 120 से अधिक की साझेदारी ने हमसे मोमेंटम छिन लिया। और हम जब आए तो विकेट खो दिए। हम तभी से पीछे चल रहे थे। गेंदें घूम रही थी और बल्लेबाज संघर्ष कर रहे थे। दूसरी पारी में उनके बल्लेबाजों ने जिस तरह से बल्लेबाजी की वह शानदार था। 488 रन बनाना कोई आसान काम नहीं है। हम यही कैलकुलेट कर रहे थे कि इसे कैसे हासिल करना है। बहरहाल यह सीखने वाला अनुभव है। हमें अगले मैच में अच्छी प्रतिस्पर्धा की उम्मीद है।