Team India (Photo Source X)
5 reasons for India’s defeat in BGT?: ऑस्ट्रेलिया ने करीब 1 दशक के लंबे इंतजार के बाद बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी पर कब्जा कर लिया है। सिडनी टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 6 विकेट से हरा दिया और सीरीज 3-1 के अंतर से जीत ली। इस पूरी सीरीज के दौरान भारतीय टीम के प्रदर्शन में उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। आइए जानते हैं भारतीय टीम की बल्लेबाजी में भारत की हार के 5 कारण।
बॉर्डर गावस्कर सीरीज में भारत की हार के 5 कारण
1. भारत की बैटिंग लाइन-अप
पूरे टूर्नामेंट में भारत की सबसे बड़ी खामी महत्वपूर्ण पलों में दबाव से निपटने में विफलता थी। स्टार बल्लेबाजों विराट कोहली, रोहित शर्मा, केएल राहुल और शुभमन गिल से सजी भारत की बल्लेबाजी लाइनअप मैच में प्रभावी प्रदर्शन नहीं कर सकी।
भारत के बल्लेबाज अहम मैचों में 200 रन के आंकड़े तक नहीं पहुंच पाए हैं तो गेंदबाज भी बड़ा स्कोर न बन पाने के कारण रनों का बचाव करने में नाकाम रहे हैं। साझेदारियां बनाने में नाकामी और तेजी से विकेट गंवाने के कारण भारत मैच में पिछड़ गया। ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाजों ने भारतीय टॉप ऑर्डर को परेशान कर दिया था। भारत के गेंदबाजी ने भी बल्लेबाज़ी में योगदान दिया और भारत के लिए रन बनाए।
2. जसप्रीत बुमराह पर हद्द से ज्यादा निर्भर होना
इस सीरीज में जसप्रीत बुमराह ने कमाल की गेंदबाजी दिखाई है और भारत को बार-बार मैच में वापस ला रहे थे। बुमराह ने सीरीज में 13.06 की औसत से सबसे ज्यादा 32 विकेट लिए, इसके साथ ही उन्हें मैन ऑफ द सीरीज भी चुना गया।
फिर भी सच्चाई यह थी कि बुमराह के पास विकेट लेने में मदद करने वाला कोई गेंदबाज नहीं था। मोहम्मद सिराज ने अच्छी गेंदबाजी की लेकिन ज्यादा विकेट नहीं ले सके। आकाशदीप ने भी सही लाइन और लेंथ से गेंदबाजी की लेकिन विकेट लेने में असफल रहे। मोहम्मद सिराज और रवींद्र जडेजा ज्यादा अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सके।
जसप्रीत बुमराह की तरह टीम को लीड करने वाले कोई अन्य तेज गेंदबाज नहीं होने के कारण, भारत ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी क्रम पर निरंतर दबाव बनाने में असमर्थ था। टीम को मोहम्मद शमी की कमी भी महसूस हुई।
3. रोहित-विराट का फॉर्म
भारत के दो सबसे भरोसेमंद बल्लेबाज रोहित शर्मा और विराट कोहली के प्रदर्शन ने सभी को निराश किया है। पहला टेस्ट मैच गंवाने के बाद रोहित पूरी सीरीज में महत्वपूर्ण रन बनाने में नाकाम रहे, जिससे मध्यक्रम पर काफी दबाव आ गया। देखा गया कि रोहित शर्मा की फॉर्म का दबाव रोहित की कप्तानी पर भी था। रोहित शर्मा न्यूजीलैंड टेस्ट सीरीज के बाद से ही खराब फॉर्म से गुजर रहे थे।
वहीं, भारत के टेस्ट क्रिकेट में सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक होने के बावजूद विराट कोहली अच्छी शुरुआत को बड़े स्कोर में बदलने में नाकाम रहे। उन्होंने पर्थ में शतक बनाया लेकिन उसके बाद के सभी मैचों में असफल रहे। ऑस्ट्रेलिया की चुनौतीपूर्ण पिचों पर दबदबा बनाने में माहिर विराट ने निराश किया। इससे भारत की बल्लेबाजी में एक बड़ा अंतर पैदा हो गया। इन बड़े नामों का मैच में न चलना एक और कारण बना।
4. टीम कॉम्बिनेशन
भारत के प्रदर्शन का सबसे विवादास्पद पहलू टीम चयन था। हर मैच में प्लेइंग इलेवन में बदलाव हुए लेकिन नतीजा नहीं मिल पाया। रोहित-विराट के अलावा टीम में कोई भी बहुत अनुभवी बल्लेबाज नहीं था।
इस साल ऑस्ट्रेलिया सीरीज में पुजारा-रहाणे जैसे खिलाड़ियों को मौका नहीं दिया गया। अजिंक्य रहाणे घरेलू क्रिकेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन उन्हें टीम में जगह नहीं दी गई। इसके साथ ही हर्षित राणा को पहले मैच में डेब्यू करने का मौका दिया गया था लेकिन वह पहले मैच को छोड़कर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सके। इसके बजाय, प्रसिद्ध कृष्णा को मौका दिया जा सकता था। हालांकि, प्रसिद्ध कृष्णा को देर से मौका मिला।
5. स्कॉट बोलैंड निकले आउट ऑफ सिलेबस
आखिरकार, स्कॉट बोलैंड का एक बड़े खतरे के रूप में उभरना कई लोगों के लिए आश्चर्य की बात थी। बोलैंड की गति और सटीकता ने पूरी श्रृंखला में भारतीय बल्लेबाजों को परेशान किया, खासकर ऑस्ट्रेलियाई पिचों पर।
जबकि भारत ने मिचेल स्टार्क और पैट कमिंस जैसे गेंदबाजों के लिए तैयारी की थी, बोलैंड के अप्रत्याशित प्रभाव को संभालना उनके लिए मुश्किल साबित हुआ। महत्वपूर्ण पलों में उनकी लगातार विकेट लेने की क्षमता ने संतुलन को ऑस्ट्रेलिया के पक्ष में बदल दिया, खासकर 5वें टेस्ट में जहां तेज गेंदबाज ने 10 विकेट लिए और यह भारत की हार का एक और कारण बन गया।