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BCCI ने दिया गौतम गंभीर को झटका, फील्डिंग कोच के लिए बोर्ड ने ठुकराया जोंटी रोड्स का नाम

BCCI ने दिया गौतम गंभीर को झटका फील्डिंग कोच के लिए बोर्ड ने ठुकराया जोंटी रोड्स का नाम

BCCI ने दिया गौतम गंभीर को झटका फील्डिंग कोच के लिए बोर्ड ने ठुकराया जोंटी रोड्स का नाम

Gautam Gambhir (Pic Source-X)

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने हाल ही में गौतम गंभीर को सीनियर मेंस टीम का हेड कोच नियुक्त किया। गंभीर अगले 5 साल तक भारतीय टीम के साथ हेड कोच के रूप में कार्य करेंगे। हेड कोच के नियुक्ति के बाद से ही अब सबका ध्यान इस पर है कि अब सपोर्ट स्टाफ में कौन से लोग काम करेंगे। गंभीर के साथ अगले 5 सालों तक बैटिंग, फील्डिंग से लेकर बॉलिंग कोच कौन होगा ये सबसे बड़ा सवाल है।

राहुल द्रविड़ के साथ भारतीय बैटिंग कोच विक्रम राठौर, बॉलिंग कोच पारस म्हाम्ब्रे और फील्डिंग कोच टी दिलीप का कार्यकाल भी टी-20 वर्ल्ड कप के साथ समाप्त हो गया। ऐसे में टीम इंडिया को नए सपोर्ट स्टाफ की तलाश है। वैसे तो बीसीसीआई मुख्य कोच को अपना खुद का सहयोगी स्टाफ चुनने की आजादी देता है, गंभीर के साथ भी सब कुछ वैसा ही होगा।

लेकिन हाल ही में सामने आए एक रिपोर्ट के अनुसार BCCI ने पूर्व भारतीय ओपनर की बॉलिंग कोच और फील्डिंग कोच के रूप में पहली पसंद को ठुकरा दिया है। गंभीर ने पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज आर विनय कुमार को गेंदबाजी कोच बनाने में रुचि दिखाई थी, लेकिन बोर्ड उनके लिए बहुत उत्सुक नहीं है। बोर्ड जहीर खान को गेंदबाजी कोच के रूप में देख रहा है।

गौतम गंभीर की पसंद जॉन्टी रोड्स को BCCI ने ठुकराया

हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के अनुसार अब बोर्ड ने फील्डिंग कोच के रूप में गंभीर की पसंद जॉन्टी रोड्स को भी ठुकरा दिया है। रोड्स की साख पर कोई संदेह नहीं है। उनकी गिनती आज भी दुनिया के सर्वश्रेष्ठ फील्डर्स में की जाती है। इसके अलावा, दक्षिण अफ्रीकी दिग्गज आईपीएल में विभिन्न टीमों से जुड़े रहे हैं। उन्होंने लखनऊ सुपर जायंट्स में गंभीर के साथ काम किया है।

लेकिन बीसीसीआई सपोर्ट स्टाफ में किसी विदेशी को नियुक्त नहीं करना चाहता है। पिछले सात सालों से भारत पूरी तरह से देशी सपोर्ट स्टाफ के साथ काम कर रहा है और बोर्ड इसमें बदलाव नहीं करना चाहता है। सूत्रों ने बताया कि रोड्स के नाम पर चर्चा हुई थी, लेकिन बोर्ड ने भारतीय सपोर्ट स्टाफ को ही रखने का फैसला किया है। ऐसे में टी दिलीप के लिए फिर से दरवाजे खुल गए हैं। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान भारतीय टीम के साथ सराहनीय काम किया।

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