IPL, Robin Uthappa and World Cup Trophy. (Image Source: BCCI/Twitter)
भारत ने आखिरी बार आईसीसी ट्रॉफी साल 2013 में एमएस धोनी की कप्तानी में आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी जीती थी। तब से लेकर अब तक Team India एक भी आईसीसी ट्रॉफी नहीं जीत पाई है। जिसे लेकर हर कोई, पूर्व क्रिकेटर Robin Uthappa से लेकर फैंस, आए दिन निराशा जाहिर करता है। इस साल भारत आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप 2023 की मेजबानी करने जा रहा है और सभी उम्मीद जता रहे हैं कि 2011 की कहानी इस बार भी रिपीट होगी।
खैर, ये तो वक्त ही बताएगा कि रोहित शर्मा की अगुवाई में टीम इंडिया वनडे वर्ल्ड कप 2023 जीत पाएगी या नहीं, लेकिन इस समय 2007 टी-20 वर्ल्ड कप विजेता क्रिकेटर Robin Uthappa का आईसीसी टूर्नामेंटों में भारतीय क्रिकेट टीम के निराशाजनक प्रदर्शन पर चौंकाने वाला बयान वायरल हो रहा है। रॉबिन उथप्पा का मानना है कि भारतीय क्रिकेट भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के सख्त रवैये के कारण भारत वर्ल्ड कप नहीं जीत पा रहा है।
Robin Uthappa ने भारत के 10 साल के ICC टाइटल के सूखे के लिए BCCI और IPL को जिम्मेदार ठहराया
दरअसल, पूर्व भारतीय क्रिकेटर का मानना है कि विदेशी खिलाड़ियों को इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में खेलने से जरूरी एक्स्पोज़र मिल रहा है, लेकिन यह चीज भारतीय खिलाड़ियों के साथ नहीं है, क्योंकि उन्हें विदेशी लीग में खेलने की अनुमति नहीं है, जिसका नुकसान देश को भुगतना पड़ रहा है। रॉबिन उथप्पा ने कहा आईपीएल की विशिष्टता इसके ब्रांड मूल्य के लिए बेहद फायदेमंद है, लेकिन यह ICC इवेंट्स के लिए भारत की तैयारियों के लिए नुकसानदायक है।
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रॉबिन उथप्पा ने JioCinema के हवाले से कहा: “मुझे निश्चित रूप से लगता है कि आईपीएल का एक्सपोजर अन्य टीमों को मदद करता है, और मुझे लगता है कि यह एक ट्रिक है जिससे भारत चूक रहा है, खासकर आईसीसी टूर्नामेंट में, क्योंकि हम दुनिया की किसी भी लीग नहीं खेलते हैं। हां, भारतीय खिलाड़ियों के केवल आईपीएल में खेलने से इसकी ब्रांड वैल्यू हाई है, और इसकी श्रेष्ठता के लिए अच्छा है।
Team India को विदेशी लीग में खेलने की जरुरत है: Robin Uthappa
लेकिन मुझे लगता है कि आईसीसी प्रतियोगिताओं में टीम इंडिया को इसकी कीमत चुकानी पड़ती है। आईपीएल में खेलने से विदेशी खिलाड़ियों को द्विपक्षीय मैच या आईसीसी टूर्नामेंट में हमारे भारतीय गेंदबाजों और बल्लेबाजों के खिलाफ योजना बनाना बेहद आसान हो जाता हैं। उन्हें नेट्स पर और आईपीएल में भारतीय खिलाड़ियों के साथ-साथ अन्य खिलाड़ियों के खिलाफ 3,4,5,6 साल तक खेलने का इतना अनुभव होता है।
तो आप पहले से ही जानते हैं कि गेंदबाज क्या करता है, आप पहले से ही जानते हैं कि बल्लेबाज क्या करता है। उनके पास बहुत सारी जानकारी होती है, लेकिन भारतीय खिलाड़ी इस लक्जरी से चूक रहे हैं जो कहीं न कहीं आईपीएल ट्रॉफी के एक दशक के सूखे के लिए जिम्मेदार है।”