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BCCI टेस्ट और फर्स्ट क्लास मैचों की फीस में करने जा रहा है तीन गुना इजाफा, 15 करोड़ तक…..!

BCCI टेस्ट और फर्स्ट क्लास मैचों की फीस में करने जा रहा है तीन गुना इजाफा, 15 करोड़ तक…..!

BCCI टेस्ट और फर्स्ट क्लास मैचों की फीस में करने जा रहा है तीन गुना इजाफा, 15 करोड़ तक…..!

Rohit Sharma and Ajit Agarkar (Image Credit- Twitter)

भारतीय क्रिकेट में इन दिनों बदलाव का दौर जारी है। दरअसल भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) कथित तौर पर खिलाड़ियों के लिए रेड-बॉल क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए टेस्ट और फर्स्ट-क्लास मैचों के लिए मैच फीस को तीन गुना करने पर विचार कर रहा है। टाइम्स ऑफ इंडिया के रिपोर्ट मुताबिक, बोर्ड ने इसके लिए कप्तान रोहित शर्मा और मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर से भी चर्चा की है।

यह जानकारी BCCI द्वारा 2023-24 के लिए नए अनुबंध जारी करने के बाद आया है जिसमें इशान किशन और श्रेयस अय्यर के नाम शामिल नहीं थे। दोनों खिलाड़ियों ने BCCI द्वारा नोटिस भेजे जाने के बावजूद फर्स्ट क्लास क्रिकेट नहीं खेला इस वजह से इन दोनों को कॉन्ट्रैक्ट नहीं मिला। ईशान ने पिछले साल क्रिकेट से ब्रेक लेने का विकल्प चुना था, लेकिन गुजरात में अभ्यास कर रहे थे, श्रेयस ने अपनी टीम को बताया कि उनकी पीठ में ऐंठन है, हालांकि राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (NCA) ने उन्हें फिट घोषित कर दिया था।

मैच फीस बढ़ाने पर विचार कर रहा है BCCI

उनके मामले में भी, बीसीसीआई को ऐसा लग रहा था कि वे अपनी राज्य टीमों के लिए खुद को उपलब्ध करवाने के बजाय आईपीएल के लिए फिट होने को अधिक महत्व दे रहे थे। बोर्ड सचिव जय शाह ने उन्हें चेतावनी भी दी थी कि अगर ऐसा जारी रहा तो इसके ‘गंभीर परिणाम’ होंगे, और अंत में ऐसा ही कुछ देखने को भी मिला।

TOI के हवाले से बीसीसीआई के एक सूत्र ने कहा, “सिफारिशें टेस्ट मैच और फर्स्ट क्लास मैच फीस को तीन गुना बढ़ाने की तर्ज पर हैं। विचार यह है कि यदि कोई खिलाड़ी पूरी रणजी ट्रॉफी खेलता है, तो वह लगभग 75 लाख रुपये कमा सकता है जो औसत आईपीएल कॉन्ट्रैक्ट के बराबर है। यह भी सुझाव दिया गया है कि यदि कोई खिलाड़ी एक वर्ष में सभी टेस्ट मैच खेलता है, तो वह लगभग 15 करोड़ कमा सकता है, जो IPL अनुबंध के बराबर है।

सूत्र ने आगे कहा कि, “बोर्ड एक बार में तीन गुना मैच फीस बढ़ाने पर सहमत नहीं हो सकता है, लेकिन वे खिलाड़ियों से मिलने पर विचार कर रहे हैं। इसमें भी भारी वृद्धि होनी चाहिए। यही कारण है कि बोर्ड ने अनुबंधों के मूल्य की घोषणा नहीं की है। बोर्ड को यह तय करना होगा कि क्या वह मैच फीस बढ़ाना चाहता है या एक अलग कॉन्ट्रैक्ट बनाना चाहता है।”

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