
Ajinkya Rahane
रणजी ट्रॉफी 2024-25 के एक रोमांचक मुकाबले में जम्मू-कश्मीर के कप्तान पारस डोगरा ने अजिंक्य रहाणे का शानदार कैच पकड़कर सबको चौंका दिया। यह घटना मुंबई और जम्मू-कश्मीर के बीच खेले जा रहे मुकाबले के दौरान हुई। मुंबई के कप्तान अजिंक्य रहाणे, जो अपने शानदार बल्लेबाजी के लिए जाने जाते हैं, उमर नज़ीर की फुल डिलीवरी पर कवर ड्राइव खेलने का प्रयास कर रहे थे। हालांकि, उनका शॉट हवा में चला गया, और गेंद सीधी पारस डोगरा की ओर गई।
डाइव लगाकर एक हाथ से पारस डोगरा ने पकड़ा कैच
40 वर्षीय पारस डोगरा ने अपनी तेज प्रतिक्रिया और फुर्ती से बाईं ओर दौड़ते हुए एक हाथ से अद्भुत कैच पकड़ लिया। इस डाइविंग कैच ने न केवल रहाणे को 16 रन के व्यक्तिगत स्कोर पर आउट कर दिया बल्कि मुंबई की टीम को 91-6 के स्कोर तक पहुंचा दिया। डोगरा का यह कैच मैदान पर मौजूद दर्शकों के लिए यादगार बन गया और सोशल मीडिया पर भी खूब चर्चा में रहा।
What. A. Catch
J & K captain Paras Dogra pulls off a sensational one-handed catch to dismiss Mumbai captain Ajinkya Rahane #RanjiTrophy | @IDFCFIRSTBank
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— BCCI Domestic (@BCCIdomestic) January 24, 2025
अजिंक्य रहाणे, जो पहली पारी में केवल 12 रन ही बना पाए थे, दूसरी पारी में भी अपनी छाप छोड़ने में नाकाम रहे। इस समय मुंबई की स्थिति बेहद कठिन है, और टीम ने 33 ओवर में 115-7 का स्कोर बनाया है। शार्दुल ठाकुर और तनुष कोटियन फिलहाल क्रीज पर हैं और टीम को संकट से बाहर निकालने की कोशिश कर रहे हैं।
यह कैच न केवल पारस डोगरा की शानदार फील्डिंग का उदाहरण है, बल्कि यह बताता है कि रणजी ट्रॉफी जैसे घरेलू टूर्नामेंट में खिलाड़ी कितना दमखम दिखा रहे हैं। इस घटना ने फील्डिंग के महत्व को एक बार फिर से साबित किया और दर्शकों को रोमांचक क्रिकेट का अनुभव कराया।
कौन है पारस डोगरा?
पारस डोगरा भारतीय घरेलू क्रिकेट के एक अनुभवी बल्लेबाज हैं, जो अपनी बेहतरीन बल्लेबाजी तकनीक और निरंतरता के लिए जाने जाते हैं। उनका जन्म 19 नवंबर 1984 को हिमाचल प्रदेश में हुआ। उन्होंने लंबे समय तक हिमाचल प्रदेश की रणजी ट्रॉफी टीम का प्रतिनिधित्व किया है और अब जम्मू-कश्मीर के लिए खेलते हैं।
डोगरा खास के नाम कुल 8 दोहरे शतक दर्ज हैं, जो इस टूर्नामेंट में उनकी बल्लेबाजी का स्तर दर्शाते हैं। रणजी ट्रॉफी 2024-25 में उनके द्वारा अजिंक्य रहाणे का कैच पकड़ने की घटना ने उनके फील्डिंग कौशल को भी उजागर किया।
डोगरा का करियर उन खिलाड़ियों का उदाहरण है, जो अंतरराष्ट्रीय मंच तक न पहुंचने के बावजूद घरेलू क्रिकेट में अपनी मेहनत और प्रतिभा से चमकते हैं।