TUNBRIDGE WELLS – JUNE 18: Kapil Dev batting, Cricket World Cup 1983, India v Zimbabwe at Tunbridge Wells (Zonal). (Photo by Patrick Eagar/Popperfoto via Getty Images)
कपिल देव के नेतृत्व में टीम इंडिया ने अपना पहला वनडे वर्ल्ड कप 1983 में जीता था। भारतीय टीम ने सभी बाधाओं को पार करते हुए देश को गौरवान्वित होने का अवसर दिया। तब इस टीम ने एकजुटता और अंत तक लड़ने की इच्छा शक्ति दिखाई थी। जिम्बाब्वे के खिलाफ कपिल देव (Kapil Dev) का शतक इसका एक बेहतरीन उदाहरण है।
बता दें कि 18 जून 1983 को ट्यूनब्रिज वेल्स के नेविल ग्राउंड में भारत का सामना जिम्बाब्वे से हुआ था। इस मैच में भारत को जीत की सख्त जरूरत थी। भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए सिर्फ 17 रन पर अपने 5 विकेट गंवा दिए थे। तेज गेंदबाजों की मददगार पिच पर जिम्बाब्वे के गेंदबाजों ने कहर बरपाया था।
तब छठे नंबर पर बल्लेबाजी करने आए कपिल देव (Kapil Dev) ने शुरुआत में सतर्क होकर खेला। रोजर बिन्नी ने कपिल का पूरा साथ दिया और छठे विकेट के लिए 60 रनों की साझेदारी की। इसके बाद बिन्नी और रवि शास्त्री लगातार गेंदों पर आउट हो गए और भारत का स्कोर 78/7 हो गया।
कपिल देव ने खेली थी 175 रनों की नाबाद पारी
फिर कपिल देव (Kapil Dev) ने पलटवार शुरू किया और 26वें ओवर में अपना अर्धशतक पूरा किया। मदन लाल और सैयद किरमानी ने उनका बखूबी साथ दिया। हरियाणा हरिकेन ने उस मैच में अकेले ही दमखम दिखाया। कपिल देव अंत में 138 गेंदों पर 175 रन बनाकर नाबाद रहे। उनके इस पारी की बदौलत ही टीम इंडिया ने निर्धारित 60 ओवरों में 266/8 का स्कोर खड़ा किया। अपनी पारी के दौरान कपिल देव ने 16 चौके और छह छक्के लगाए।
इसके जवाब में जिम्बाब्वे की शुरुआत सधी हुई रही और उनके सलामी बल्लेबाजों ने 44 रन जोड़े। हालांकि, भारतीय गेंदबाजों ने जोरदार वापसी की और नियमित अंतराल पर विकेट चटकाए। अंत में जिम्बाब्वे की टीम 57 ओवर में 235 रन पर आउट हो गई। भारत ने यह मुकाबला 31 रनों से अपने नाम किया।
मदन लाल ने शानदार गेंदबाजी करते हुए 11 ओवर में 42 रन देकर तीन विकेट हासिल किये। वहीं रोजर बिन्नी ने दो विकेट लिए। इसके अलावा कपिल देव, बलविंदर संधू और मोहिंदर अमरनाथ ने एक-एक विकेट चटकाया। इस मुकाबले को क्रिकेट की दुनिया में सबसे बड़ी वापसी में से एक के रूप में जाना जाता है।