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हार्दिक पांड्या की कप्तानी और तिलक वर्मा की पारी को लेकर आकाश चोपड़ा ने दिया बड़ा बयान

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Aakash Chopra and Hardik Pandya (Image Credit- Twitter)

भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज आकाश चोपड़ा ने एक बार फिर हार्दिक पांड्या को लेकर तीखा बयान दिया है। उनका मानना है कि, हार्दिक को वेस्टइंडीज के खिलाफ तीसरे टी20 मैच में युवा खिलाड़ी तिलक वर्मा को अपना अर्धशतक पूरा करने देना चाहिए था। पूर्व क्रिकेटर ने कहा कि इस मैच में नेट रन रेट का कोई मुद्दा नहीं था और कई गेंदें भी बाकी थी इसलिए हार्दिक को युवा खिलाड़ी को एक और अर्धशतक बनाने का मौका देना चाहिए था।

शुरुआती दो मुकाबले हारने के बाद टीम इंडिया के लिए ये मुकाबला करो या मरो वाला था। इस मैच में पहले बल्लेबाजी करने उतरी विंडीज टीम रोवमैन पॉवेल की नाबाद 19 गेंदों में 40 रनों की पारी के बदौलत 20 ओवर में 159/5 बना सकी। लेकिन जब टीम इंडिया लक्ष्य का पीछा करने उतरी तो सलामी बल्लेबाज यशस्वी जयसवाल और शुभमन गिल जल्दी आउट हो गए और ऐसा लग रहा था कि कहीं भारत ये मैच न हार जाए।

तिलक वर्मा को उनका अर्धशतक पूरा करने का मौका मिलना चाहिए था- आकाश चोपड़ा

हालांकि, सूर्यकुमार यादव की शानदार बल्लेबाजी और तिलक की पारी के बदौलत ‘मेन इन ब्लू’ ने सात विकेट से जीत हासिल की। भारतीय कप्तान हार्दिक ने रोवमैन पॉवेल की गेंद पर छक्का लगाकर 13 गेंद शेष रहते ही मैच समाप्त कर दिया। हालांकि हार्दिक के इस शॉट से कुछ फैंस खुश नहीं थे क्योंकि उनका मानना ​​था कि कप्तान हार्दिक को युवा तिलक वर्मा को लगातार दूसरा अर्धशतक पूरा करने का मौका देना चाहिए था।

आकाश चोपड़ा ने अपने आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर कहा कि, “तिलक वर्मा, शानदार। अपनी पहली तीन अंतरराष्ट्रीय पारियों में 30+ स्कोर बनाने वाले पहले भारतीय। उन्होंने अपने पिछले मैचों में अर्धशतक बनाया था और इस बार भी वह अर्धशतक के करीब थे, वास्तव में, यह अर्धशतक होना चाहिए था। उनका स्वभाव अच्छा है, उनकी रेंज अच्छी है, वह पहले आक्रामक थे और फिर सूर्यकुमार के साथ दूसरी भूमिका निभाकर खुश थे।”

उन्होंने आगे कहा कि, “हार्दिक बल्लेबाजी करने आता है, उससे कहता है कि नॉट आउट रहना महत्वपूर्ण है, बहकावे में मत आना। फिर हार्दिक आक्रामक हिट मारते हैं…आपको एनआरआर की जरूरत नहीं है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। उन्होंने तिलक को सहजता से खेलने को कहा, लेकिन खुद बड़े शॉट मारने की कोशिश की। आपको 13 गेंदों पर 2 रन चाहिए थे और उन्होंने छक्का जड़ दिया।

मुझे यकीन है कि वो ये दिखाना चाहते थे कि यहां आपका पर्सनल माइलस्टोन महत्वपूर्ण नहीं है। लेकिन यहां नॉट आउट भी वास्तव में मायने नहीं रखता, भले ही आप वहां आउट थे, फिर भी आपके पास 2 रन बनाने के लिए 12 गेंदें थीं। तिलक को अर्धशतक बनाने का मौका नहीं दिया गया। हालांकि, यह सिर्फ मेरी राय है।” तिलक ने 37 गेंदों में चार चौकों और एक छक्के की मदद से नाबाद 49 रन बनाए।

 

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