Jay Shah and Hardik Pandya. (Image Source: BCCI/X)
27 जुलाई से शुरू हो रहे श्रीलंका दौरे के लिए बीसीसीआई ने हाल ही में टीम इंडिया के स्क्वॉड का ऐलान किया। इस दौरे पर दोनों टीमों के बीच तीन वनडे और तीन टी-20 सीरीज खेली जाएगी। इस सीरीज का ऐलान करने के लिए सेलेक्टर्स ने काफी वक्त लिया। ऐसा माना जा रहा है कि हाल ही में टीम इंडिया के हेड कोच बने गौतम गंभीर और सेलेक्टर्स के बीच काफी बहस हुई है और तब जाकर इस दौरे के लिए टीम का ऐलान हुआ।
टीम इंडिया की ये सिलेक्शन मीटिंग दो दिन में कई घंटों तक चली। खबरों की माने तो मीटिंग में मतभेद, मनभेद के साथ-साथ तीखी बहस भी हुई है। मीटिंग के दौरान ही कई खिलाड़ियों को फोन किया गया और उनके साथ लॉन्ग टर्म प्लानिंग को लेकर बातचीत की गई। ऐसा कहा जा रहा है कि, कप्तानी में हार्दिक से पहले सूर्या और वनडे में राहुल से पहले गिल का उपकप्तान चुना जाना भारतीय क्रिकेट के भविष्य के लिए उठाया गया एक बेहद अहम कदम है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ये चयन बैठक किसी भी अन्य सभी मीटिंग से अलग थी, क्योंकि इसमें तीखी बहस और मतभेद थे। खिलाड़ियों को फोन कॉल किए जा रहे थे और टीम मैनेजमेंट की लॉन्ग टर्म प्लानिंग क्या है वो योजनाओं को समझाया जा रहा था।
प्लेयर्स ने हार्दिक पांड्या की तुलना में सूर्यकुमार यादव पर दिखाया भरोसा
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार टीम सिलेक्शन मीटिंग में एक राय ये भी थी कि टी-20 टीम के मौजूदा उप-कप्तान यानी हार्दिक पंड्या को कप्तान नहीं बनाना उनके साथ अन्याय होगा। खासकर तब जब उन्होंने विश्व कप के दौरान अद्भुत प्रदर्शन किया हो। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि खिलाड़ियों के भरोसे के कारण पलड़ा सूर्यकुमार यादव के पक्ष में झुक गया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि बीसीसीआई को जो ‘फीडबैक’ मिला वह यह था कि खिलाड़ी ‘पंड्या की तुलना में यादव पर अधिक भरोसा करते हैं’ और उनके अंदर काम करने में सहज थे। कहा जा रहा है कि सूर्या का मैन मैनेजमेंट चयनकर्ताओं को पसंद आ चुका है। जब ईशान किशन पिछले साल दक्षिण अफ्रीका दौरे के बीच में ही भारतीय कैम्प छोड़ने वाले थे तो यादव ने उन्हें वहीं रुकने के लिए मनाने की कोशिश की थी।