Lalit Modi. (Photo Source: Twitter)
इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) ने आईपीएल के पूर्व चेयरमैन ललित मोदी (Lalit Modi) द्वारा उनके घरेलू टूर्नामेंट द हंड्रेड को 10 साल के लिए खरीदने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो ईसीबी भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) से अपने रिश्ते खराब नहीं करना चाहती है, जो इस समय क्रिकेट जगत का सबसे बड़ा स्टेकहोल्डर है।
गौरलतब है कि मोदी इस समय लंदन में हैं और साल 2013 के बाद से आईपीएल और भारत में किसी भी प्रकार की क्रिकेट एक्टीविटी में हिस्सा लेने के लिए बैन हैं। आईपीएल को शुरू करने के पीछे ही ललित मोदी का दिमाग था।
हालांकि, इसके बाद उन्होंने कुछ आईपीएल जैसा ही ‘द हंड्रेड’ के साथ करने के लिए ईसीबी को प्रस्ताव दिया था, लेकिन अब उन्हें बड़ा झटका लगा है। अभी कुछ समय पहले ही ललित मोदी के प्रतिनिधि ईसीबी के सीनियर अधिकारी विक्रम बनर्जी और रिचर्ड गुड से मिले, जिसमें उन्होंने टूर्नामेंट में निवेश की इच्छा जताई थी।
तो वहीं इस मसले को लेकर ईसीबी के चेयरमैन रिचर्ड थाॅमसन ने ब्रिटिश डेली के हवाले से कहा- वह केवल कुछ बिलियन डाॅलर राशि वाले प्रस्ताव पर ही विचार करेंगे। ईसीबी ने टूर्नामेंट की ओनरशिप अपने पास रखते हुए सिर्फ इक्विटी बेचने का प्लान बनाया था।
साथ ही आपको बता दें कि ललित मोदी से पहले द हंड्रेड में हिस्सेदारी को लेकर Bridgepoint Group 400 मिलियन डाॅलर का निवेश कर 75 प्रतिशत हिस्सेदारी का प्रस्ताव ईसीबी के सामने रख चुका है। लेकिन अभी तक इस डील को लेकर कोई भी अपडेट्स सामने नहीं आए हैं।
द हंड्रेड की वार्षिय आय मोदी ने आंकी थी 100 मिलियर डाॅलर
हाल में ही क्रिकबज को दिए इंटरव्यू में ललित मोदी ने कहा था कि द हंड्रेड टूर्नामेंट में निवेश कर, वह इसे 10 टीमों वाला टूर्नामेंट का बनाना चाहते है। साथ ही 100 गेंदों वाले खेल को टी20 फाॅर्मेट में बदलने के साथ, टीम पर्स को 10 मिलियर डाॅलर (83 करोड़) रुपए तक बढ़ाया जाए। इसके बाद मोदी ने उम्मीद जताई थी कि टूर्नामेंट हर साल 100 मिलियर डाॅलर की आय प्राप्त कर सकता है।