Yashasvi Jaiswal and his coach
यशस्वी जायसवाल ने हाल ही में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में अपना अंतरराष्ट्रीय डेब्यू किया और अपने पहले टेस्ट में उन्होंने शतक जड़कर इतिहास में अपना नाम दर्ज करवा लिया। इसके बाद दूसरे टेस्ट में भी उन्होंने अर्धशतकीय पारी खेली। इस दो मैचों की सीरीज में जायसवाल ने 88.67 की औसत से 266 रन बनाए।
वहीं अब वह यशस्वी जायसवाल वेस्टइंडीज के खिलाफ 1 अगस्त से शुरू होने वाले पांच मैचों की टी-20 सीरीज में डेब्यू कर सकते हैं। आईपीएल 2023 में उन्होंने बल्ले से अच्छा प्रदर्शन किया। इससे पहले भी इंडियन प्रीमियर लीग में उन्होंने बेहतर प्रदर्शन किया था।
आईपीएल और फिर भारतीय टीम का तक उनका सफर काफी संघर्षपूर्ण रहा है। सोशल मीडिया पर उनकी कई ऐसी तस्वीरें वायरल हैं, जिसमें वह पिता के साथ गोलगप्पे की दुकान चलाते नजर आए। यशस्वी ने कैंटीन और डेयरी की दुकान पर भी काम किया है।
हालांकि, अब इसको लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। क्रिकक्रैक के मुताबिक यशस्वी के पिता समान कोच ने खुद खुलासा किया है कि यशस्वी ने सुख और सुविधाओं के साथ यहां तक का सफर तय किया है।
जायसवाल को लेकर हुआ सनसनीखेज खुलासा
क्रिकक्रैक से बात करते हुए कोच ज्वाला सिंह ने बताया कि लोग कहते हैं कि यशस्वी जायसवाल सिर्फ गोलगप्पे बेचा करते थे और संघर्ष करते हुए सफल हुए। तो कहानी में थोड़ी बहुत सच्चाई जरूर है। वह 2013 से पहले गोलगप्पे के स्टॉल पर जाकर लोगों की मदद करते थे और वे बदले में जायसवाल को 20-25 रुपये दे देते थे। ऐसा नहीं है कि जायसवाल प्रोफेशनली गोलगप्पे बेचा करता था या उसे उतना संघर्ष करना पड़ा। और ये बात जायसवाल और मुझे बहुत बुरी लगती है कि मीडिया इस बात को ऐसे उछालती है कि जायसवाल सिर्फ गोलगप्पे बेचा करता था।
उनके पिता समान कोच ज्वाला सिंह ने यह सुनिश्चित किया कि जायसवाल उन्हीं के घर में 2013 से लेकर 2021 तक मुंबई में उनके घर पर ही रहे हैं। और यशस्वी को वो सारी सुविधाएं मिली है जो एक अच्छे फैमिली के लड़कों को मिलती हैं।
ज्वाला सिंह ने आगे बताया कि 2018 में एक टीवी शो था। उस टीवी शो के लोग मेरे और यशस्वी के पास आए कहा कि गोलगप्पे के स्टॉल के सामने एक-दो फोटो वीडियोज हमें लेनी है, तो यशस्वी ने मेरे एकडेमी के कुछ बच्चों को गोलगप्पे खिलाते हुए फोटो खिंचवा ली और तब जायसवाल को या मुझे ज्यादा कुछ पता नहीं था। इसके बाद मीडिया ने इस स्टोरी को गलत तरीके से वायरल कर दी कि जायसवाल तो सिर्फ गोलगप्पे ही बेचता था और उसके बाद क्रिकेटर बन गया। यह बात यशस्वी और उसके फैमिली को बहुत बुरी लगती है कि मीडिया वालों ने इसे गलत तरीके से पेश किया।
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