AB de Villiers (Photo Source: Twitter)
दक्षिण अफ्रीका के पूर्व खिलाड़ी एबी डिविलियर्स ने खिलाड़ियों के तनाव और मानसिकता को लेकर बड़ा बयान दिया है। बता दें, हर खिलाड़ी को एक खराब दौर से जरूर गुजरना पड़ता है और इसी वजह से उन्हें काफी परेशानियां भी होती है। कई खिलाड़ी इस दौर से आराम से बाहर निकल जाते हैं जबकि कुछ खिलाड़ियों को दवाई और इंजेक्शन का सहारा लेना पड़ता है।
हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के अनुभवी बल्लेबाज स्टीव स्मिथ और फुटबॉल के दिग्गज डेले एली ने खराब दौर के बारे में बात की जिस समय उनके मन में कई नकारात्मक भावनाएं आ रही थी और उससे उन्हें काफी दबाव झेलना पड़ा था। अब दक्षिण अफ्रीका के पूर्व खिलाड़ी एबी डिविलियर्स ने भी इस चीज को लेकर अपना पक्ष रखा है।
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एबी डिविलियर्स ने अपने आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर कहा कि, ‘मैं इस चीज को काफी अच्छी तरह से समझ सकता हूं क्योंकि कुछ ऐसा ही मैंने बड़े मुकाबलों में भी सहा है। मुझे सोने में भी काफी परेशानी होती थी और मैं रात भर दर्द की वजह से जगा रहता था। मैं सोने के लिए नींद की गोलियां लेता था जिसकी वजह से मैं आराम से सो जाता था लेकिन थोड़े समय बाद ही मुझे इससे काफी परेशानी होने लगी क्योंकि यह टेबलेट सिर्फ मुझे सुलाती नहीं थी बल्कि इससे मुझे काफी आराम मिलता था और मेरी पूरी टेंशन खत्म हो जाती थी।’
वेस्टइंडीज के खिलाफ 162 रनों की विस्फोटक पारी को लेकर एबी डिविलियर्स ने किया बड़ा खुलासा
बता दें, 2015 वर्ल्ड कप में एबी डिविलियर्स ने वेस्टइंडीज के खिलाफ 66 गेंदों में 162 रनों की विस्फोटक पारी खेली थी। उन्होंने उस पारी के दौरान वेस्टइंडीज के किसी भी खिलाड़ी को नहीं बख्शा और सभी पर कड़ा प्रहार किया। अपनी उसी पारी के दौरान उन्हें मेडिकल से संबंधित डॉक्टर को भी दिखाना पड़ा था।
पूर्व खिलाड़ी ने आगे कहा कि, ‘ मुझे 2015 वर्ल्ड कप का मैच काफी अच्छी तरह से याद है। यह बात वेस्टइंडीज के खिलाफ मैच से एक रात पहले की है। मैंने उस मैच में शतक जड़ा था जो मेरे लिए काफी हैरान कर देने वाला था क्योंकि उस रात मैं सिर्फ 2 से 3 घंटे ही सोया था। वो मेरी जिंदगी की सर्वश्रेष्ठ पारी थी। 3 बजे मैंने डॉक्टर को अपने कमरे पर बुलाया और उन्होंने मुझे इंजेक्शन दिया क्योंकि मैं सो नहीं पा रहा था। मेरे पेट में दर्द हो रहा था और मुझे काफी तनाव महसूस हो रहा था।
ऐसा इसलिए क्योंकि वेस्टइंडीज के खिलाफ हमें जीतना बेहद जरूरी था। होटल रूम में मैं अकेला था और उस मैच के बारे में ही लगातार सोच रहा था। इसी वजह से मुझे नींद भी नहीं आ रही थी। नींद की गोली मेरे लिए जहर बन गई थी क्योंकि मैं उसे लगातार खा रहा था। कभी-कभी नींद की गोली आपके लिए काफी बड़ी बन जाती है, आपको उसकी जरूरत नहीं होती लेकिन उसके बावजूद आप उसको खा रहे होते हैं। फिलहाल मैं इस बात से खुश हूं कि मैंने उससे पूरी तरह से दूरी बना ली।’