ICC U19 Women’s T20 World Cup (Photo Source X)
ICC U19 महिला T20 वर्ल्ड कप की तैयारी में लंबा समय लगा, लेकिन जब यह आखिरकार 2023 में दक्षिण अफ़्रीका में आयोजित हुआ, तो यह एक जबरदस्त सफलता साबित हुआ।
यह टूर्नामेंट शुरू में जनवरी 2021 में बांग्लादेश में आयोजित होने वाला था, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इसे दो साल के लिए टाल दिया गया और आयोजन स्थल को दक्षिण अफ्रीका में स्थानांतरित कर दिया गया। इस बदलाव का अर्थ यह भी था कि देश में ICC महिला इवेंट की दो प्रमुख प्रतियोगिताएँ – U19 T20 विश्व कप और महिला T20 विश्व कप – एक के बाद एक आयोजित होंगी।
ICC की महिला क्रिकेट मैनेजर, स्नेहल प्रधान, इस बदलाव को आयोजन की सफलता का प्रमुख कारण मानती हैं। उन्होंने कहा-
“दक्षिण अफ्रीका को लगातार दो वैश्विक महिला इवेंट की मेजबानी का अवसर मिला, जो देश के लिए एक अनूठा मौका था। U19 विश्व कप ने महिला क्रिकेट के प्रति जागरूकता और रुचि को बढ़ावा दिया है। इसका परिणाम यह रहा कि महिला T20 विश्व कप के फाइनल में स्टेडियम दर्शकों से खचाखच भरे दिखाई दिए, जहां पहले महिला क्रिकेट के लिए टिकटों की इतनी मांग कभी नहीं देखी गई थी।”
प्रधान ने आयोजन के महत्व पर जोर देते हुए कहा-
“यह टूर्नामेंट वर्षों से चर्चा में था। इसकी योजना और इसे सफल बनाने के लिए ICC की इवेंट टीम और बोर्ड का दृष्टिकोण प्रशंसनीय है। सबसे अहम बात यह है कि इसने महिला और पुरुष क्रिकेट के बीच समानता को स्थापित किया। पुरुषों की तरह महिलाओं के लिए भी U19 विश्व कप का आयोजन करना एक बड़ा कदम था।”
रोमांचक शुरुआत और भारत की ऐतिहासिक जीत
जब टूर्नामेंट शुरू हुआ, तो बांग्लादेश ने बेनोनी में पहले ही मैच में ऑस्ट्रेलिया को सात विकेट से हराकर क्रिकेट जगत को चौंका दिया। इससे यह स्पष्ट हो गया कि यह टूर्नामेंट न केवल उच्च गुणवत्ता का होगा बल्कि इसमें रोमांचक और अप्रत्याशित पल भी देखने को मिलेंगे।
भारत ने भी अपने इरादे स्पष्ट कर दिए। सीनियर अंतरराष्ट्रीय महिला क्रिकेट स्टार्स शेफाली वर्मा और ऋचा घोष के नेतृत्व में टीम ने शानदार प्रदर्शन किया। शेफाली वर्मा के लिए यह टूर्नामेंट विशेष था, क्योंकि उन्हें पहली बार देश का नेतृत्व करने और अपनी कप्तानी का कौशल दिखाने का मौका मिला।
प्रधान ने इसपर कहा, “U19 टूर्नामेंट भविष्य के सितारों को निखारने का मंच है। यह खिलाड़ियों को सीनियर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में प्रवेश से पहले अनुभव प्राप्त करने का अवसर देता है। शेफाली वर्मा के लिए, यह एक अनूठा अवसर था। उन्होंने न केवल भारत को पहली बार ICC ट्रॉफी दिलाई बल्कि यह साबित किया कि युवा नेतृत्व में अपार संभावनाएँ हैं।”
भारत ने ग्रुप चरण में तीन में से तीन मुकाबले जीते। हालांकि, सुपर 6 मुकाबले में उन्हें ऑस्ट्रेलिया से हार का सामना करना पड़ा। इसके बावजूद, भारत ने न्यूजीलैंड को हराकर फाइनल में जगह बनाई। इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ रोमांचक सेमीफाइनल मुकाबले में तीन रनों से जीत दर्ज की। वहीं, फाइनल में, इंग्लैंड की टीम केवल 68 रनों पर सिमट गई, और भारत ने यह लक्ष्य आसानी से हासिल कर सात विकेट से ऐतिहासिक जीत दर्ज की।
भविष्य के सितारों का मंच
इस टूर्नामेंट ने कई नए सितारों को चमकने का मौका दिया। न्यूजीलैंड की जॉर्जिया प्लिमर, जिन्होंने टूर्नामेंट में बेहतरीन प्रदर्शन किया, कुछ समय बाद दुबई में महिला T20 विश्व कप के फाइनल में खेलती नजर आईं। UAE की तीर्था सतीश और ऑस्ट्रेलिया की मिल्ली इलिंगवर्थ जैसे महिला खिलाड़ियों ने भी अपने शानदार खेल से प्रभावित किया।
प्रधान ने कहा, “यह टूर्नामेंट खिलाड़ियों को वैश्विक मंच का अनुभव देता है, जो सीनियर टीम में उनकी यात्रा को आसान बनाता है। जॉर्जिया प्लिमर जैसी खिलाड़ी ने इस टूर्नामेंट से अपनी पहचान बनाई और आज वह विश्व कप फाइनल में खेल रही हैं। यह इस टूर्नामेंट की सफलता और महत्व को दर्शाता है।”
16 टीमों के साथ आयोजित यह टूर्नामेंट अब तक का सबसे बड़ा महिला क्रिकेट आयोजन था। मलेशिया में अगले टूर्नामेंट की योजना के साथ, प्रधान को विश्वास है कि इसका प्रभाव लंबे समय तक रहेगा।
उन्होंने कहा, “यह आयोजन न केवल समानता के प्रति ICC की प्रतिबद्धता को दर्शाता है बल्कि महिला क्रिकेट के विकास में एक बड़ा कदम है। 16 टीमों की भागीदारी एक शानदार शुरुआत थी और इससे महिला क्रिकेट में और प्रगति होगी।”