Virat Kohli & Gautam Gambhir (Photo Source: Getty Images)
विराट कोहली और गौतम गंभीर भारतीय क्रिकेट के दो महान खिलाड़ियों में से एक है। दिसंबर 2009 में श्रीलंका के खिलाफ वनडे मैच में विराट कोहली ने शतक ठोका था, इसी मैच में गोतम गंभीर ने 150 रनों की पारी खेली थी और उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया था। लेकिन पोस्ट मैच प्रजेंटेशन में गंभीर ने अपना अवॉर्ड युवा विराट को सौंप दिया था। दोनों खिलाड़ी 2011 वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम का भी हिस्सा थे।
हालांकि, गौतम गंभीर और विराट कोहली ने मैदान में अपने झड़प के चलते ज्यादा सुर्खियां बटोरी है। टीम इंडिया के हेड कोच बनने के बाद गंभीर ने कोहली के साथ अपने रिश्ते पर बात करते हुए कहा था कि, दोनों मैदान पर भावुक व्यक्ति हैं और अपनी-अपनी टीमों के लिए लड़ना पूरी तरह से सामान्य बात है। इस बीच, पूर्व भारतीय खिलाड़ी पीयूष चावला जो दोनों खिलाड़ियों के टीममेट रह चुके हैं, हाल ही में एक दिलचस्प किस्सा साझा किया है।
गौती भाई सभी क्लास के हैं- पीयूष चावला
पीयूष चावला ने खुलासा किया कि गौतम गंभीर और विराट कोहली के बीच कभी मनमुटाव नहीं था। पूर्व स्पिनर ने वनडे वर्ल्ड कप 2023 के दौरान हुई बातचीत को याद किया। जब वो और गंभीर एक शो का हिस्सा थे और कोहली को लेकर सवाल किया गया था, जिसका जवाब वह नहीं दे पाए, लेकिन गंभीर ने दिया था।
पीयूष चावला ने शुभांकर मिश्रा के पॉडकॉस्ट पर बात करते हुए बताया,
मैं और गौती भाई एक शो कर रहे थे। एक सवाल पूछा गया, ‘विराट ने जब अपना 50वां शतक पूरा किया तो उन्होंने किस गेंदबाज की गेंद पर सिंगल लिया? मैं इसका जवाब नहीं दे सका, लेकिन गंभीर ने जवाब दिया, वह ऐसे थे, ‘अब यह मत कहो कि कोई झगड़ा है।’ गौती भाई सभी क्लास के हैं, वह बेस्ट में से एक है।
गौती भाई सबसे अच्छे इंसानों में से एक हैं- पीयूष चावला
पीयूष चावला ने आगे बात करते हुए बताया कि गौतम गंभीर अगर किसी में टैलेंट देखते हैं तो वह उन्हें मोटिवेट करते हैं और पूरा समर्थन देते हैं।
क्या आप जानते हैं गौती भाई के बारे में सबसे अच्छी बात क्या है? वह आपको मोटिवेट करेंगे, आपको खुली छूट देंगे और जिस तरह से आपका समर्थन करेंगे। यदि वह आपमें वह टैलेंट देखते हैं, तो वह भले ही आप सभी 14 मैचों में कुछ भी न करें। यदि आप वैसा कर सकते हैं, तो वह आपका समर्थन करेंगे जो किसी भी खिलाड़ी के लिए शानदार बात है।
चावला ने मैदान के अंदर और बाहर गौतम गंभीर के विपरीत नेचर को लेकर भी बात की और उन्हें सबसे अच्छे इंसानों में से एक बताया।
मैंने 4-5 सालों तक उनके अंडर खेला है। हम इंडिया और इंडिया-ए के लिए एक साथ खेले जिस तरह से वह मैदान पर आक्रामक दिखते हैं, मैदान के बाहर भी वह उतने ही विनम्र हैं। मुझे उनके साथ बातचीत करने में जो मजा आता है, वह अद्भुत हैं। गौती भाई सबसे अच्छे इंसानों में से एक हैं, जिनसे मैं मिला हूं।