Joe Root (Image Credit- Twitter X)
भारत और इंग्लैंड के बीच इस समय पांच मैचों की टेस्ट सीरीज खेली जा रही है। तो वहीं इस सीरीज के चौथे टेस्ट मैच में इंग्लिश खिलाड़ी जो रूट के LBW आउट होने के बाद हाॅक-आई और डिसीजन रिव्यू सिस्टम (DRS) को लेकर काफी ज्यादा चर्चा देखने को मिली थी।
बता दें कि रांची में हुए इस टेस्ट मैच में इंग्लैंड की दूसरी पारी के 17वें ओवर में अश्विन की एक गेंद को रूट मिस कर गए, जिसपर अश्विन ने अपील की, लेकिन मैदानी अंपायर कुमार धर्मसेना द्वारा इस अपील को ठुकरा दिया।
हालांकि, इसके बाद अश्विन की अपील पर कप्तान रोहित ने डीआरएस रिव्यू लिया और हाॅक आई में पाया गया कि गेंद का कुछ हिस्सा विकेट की लाइन के साथ स्टंप पर भी लग रहा है। तो वहीं इसके बाद मैदानी अंपायर के फैसले को बदला गया, और रूट को आउट दिया गया।
तो वहीं यह मैच खत्म होने के बाद इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स डीआरएस में अंपायर्स काॅल को लेकर काफी ज्यादा मुखर होते हुए नजर आए और क्रिकेट जगत में डीआरएस में तीसरे अंपायर की मदद करने वाली तकनीक हाॅक-आई की काफी ज्यादा विवादों में घिर गई। हालांकि, अब इस सब के बीच इस तकनीक के निर्माता पाॅल हाॅकिंस (Paul Hawkins) ने बड़ा बयान दिया है।
हाॅक-आई को लेकर पाॅल हाॅकिंस ने दिया बड़ा बयान
बता दें कि इन चर्चाओं के बीच ‘The Analyst’ पाॅडकास्ट पर बात करते हुए हाॅकिंस ने कहा- सटीक निर्णय पाने के लिए आपको सबसे पहले टेस्ट क्रिकेट के हरेक दिन पर स्टंप की चौड़ाई को मापें, और फिर गेंद लाइन में है या नहीं है, इसके बाद एक सीधे लाइन बन जाती है। यह लाइन बहुत जरूरी (जो रूट के आउट में) है।
टेनिस में कभी-कभी आपको लाइन के अंदर या बाहर जीरो मिलीमीटर मार्जिन मिलता है। लेकिन टेनिस में यह नियम है कि जब तक यह जीरो मार्जिन नहीं मिलता है तब तक इसे आउट नहीं दिया जाता है। टेनिस हम इसके लिए सिर्फ बाउंस मार्क चिन्हित करते हैं। लेकिन जीरो मिलीमीटर को 1 मिलीमीटर दिखाने के बाद ही हम दर्शकों को इंम्पैक्ट दिखा पाएंगे।
सुनने में यह एक एक प्रेजेंटेशन की बात है, लेकिन यह दर्शकों को बहुत कुछ स्पष्ट कर देता है। यदि गेंद पड़ने के बाद बाहर नहीं आई होती तो यह टीवी पर अधिक स्पष्ट होता। इसलिए आप लाइन के ऊपर अधिक स्पष्ट रूप से देख सकते हैं, जो स्वचालित रूप से तब होता है जब गेंद लेग स्टंप के बाहर पिच हुई हो। नियम के अनुसार हमने सही जबाव दिया। लेकिन इस सब के बाद हमारे पास अपनी प्रेजेंटेशन और इससे जुड़ी चीजों को बेहतर बनाने का अवसर है।