Paras Mhambrey (Photo Source: Twitter)
पारस म्हाम्ब्रे का भारतीय गेंदबाजी कोच के रूप में कार्यकाल आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप 2024 के खत्म होने के बाद ही समाप्त हो चुका है। बता दें, पारस म्हाम्ब्रे ने नवंबर 2021 में भारतीय टीम के कोचिंग स्टाफ में अपनी जगह पक्की की थी। राहुल द्रविड़ को भी उसी समय भारतीय टीम का मुख्य कोच नियुक्त किया गया था।
पारस म्हाम्ब्रे ने अपना काम बखूबी से निभाया और भारतीय टीम का गेंदबाजी अटैक और भी मजबूत किया। आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप 2024 के शुरू होने से पहले तमाम फैंस ने इस चीज को लेकर सवाल उठाया था कि आखिर क्यों इस महत्वपूर्ण टूर्नामेंट में तीन बाएं हाथ के स्पिनर्स को भारतीय टीम में शामिल किया गया है। जब पारस से यह सवाल पूछा गया तो उन्होंने इसका जवाब देते हुए कहा कि उन्हें यह बात काफी अच्छी तरह से पता थी कि वेस्टइंडीज की पिच में स्पिनर्स को काफी मदद मिलेगी।
पारस म्हाम्ब्रे ने Venkata Krishna B के साथ इंटरव्यू के दौरान बताया कि, ‘हमें यह बात पता थी कि वेस्टइंडीज की पिच कैसे काम करेगी। इतना क्रिकेट खेला जा चुका है कि हमें पता था कि यहां की पिच सिर्फ एक तरीके की नहीं होगी। US की पिच पूरी तरह से एलियन थी क्योंकि वहां ड्रॉप-इन पिच का इस्तेमाल किया गया था। 100-120 रन का स्कोर वहां पर जीतने वाला था। लेकिन वेस्टइंडीज में हमें पता थी कि क्या होगा। यस पूरी टीम को जानकारी थी कि यहां स्पिनर्स को मदद मिलेगी और हमें कोई ऐसा चाहिए था जो स्टंप्स पर अटैक करें।’
भारतीय स्पिनर्स ने अपनी भूमिका काफी अच्छी तरह से निभाई: पारस म्हाम्ब्रे
पारस म्हाम्ब्रे ने आगे कहा कि, ‘अक्षर पटेल और रवींद्र जडेजा दोनों ही बल्लेबाजी भी कर सकते थे और गेंदबाजी में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते थे। मैच-अप में भी बाएं हाथ के बल्लेबाजों के सामने उन्हें लाना हमारे लिए काफी बड़ी उपलब्धि थी। टीम को उनकी भूमिका के बारे में अच्छी तरह से पता था और सभी शानदार पैकेज थे। इसके अलावा कुलदीप यादव भी थे जो टीम के लिए काफी कारगर साबित हुए।
रोहित शर्मा और राहुल द्रविड़ को भी पूरा क्रेडिट जाता है क्योंकि उन्होंने चार स्पिनर्स को चुना और किसी को भी यहां कोई भी परेशानी नहीं हुई। सभी खिलाड़ियों का प्रदर्शन इस पूरे टूर्नामेंट में काफी अच्छा रहा और हमें किसी से कोई भी शिकायत नहीं है।’