Pakistan Cricket Team Invite Arshad Nadeem to Dressing Room (Source X)
Pakistan Cricket Team Invite Arshad Nadeem to Dressing Room: पेरिस ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने और नया कीर्तिमान स्थापित करने वाले पाकिस्तानी स्टार एथलीट और जैवलिन थ्रोअर अरशद नदीम (Arshad Nadeem) को टेस्ट मुख्य कोच जेसन गिलेस्पी ने पाकिस्तान क्रिकेट टीम के ड्रेसिंग रूम में आने का निमंत्रण दिया है।
पीसीबी पॉडकास्ट पर बातचीत के दौरान गिलेस्पी ने नदीम की उपलब्धि के लिए अपनी प्रशंसा व्यक्त की और उन्हें पाकिस्तान क्रिकेट टीम से मिलने का खुला निमंत्रण दिया।
पाकिस्तान क्रिकेट टीम से अरशद को क्यों मिलवाना चाहते हैं कोच?
”हम नदीम को अपने ड्रेसिंग रूम में आमंत्रित करना चाहते हैं। मैंने ओलंपिक के दौरान सभी पाक क्रिकेटरों को उनका उत्साह बढ़ाते हुए देखा था। उनका यहां आना और अपना मेडल दिखाना एक शानदार पल होगा। खासकर इसलिए जब पूरे पाकिस्तान में ओलंपिक चर्चा का विषय बना हुआ है। यह शानदार पल है। हम उन्हें पाक ड्रेसिंग रूम में आने का न्योता देते हैं।”
टीम के कोच ही नहीं रेड बॉल क्रिकेट के कप्तान शान मसूद ने भी नदीम की खूब सराहना की है। उनका कहना है-
”हमें पाकिस्तान की अगुवाई करने के लिए आभार व्यक्त करना चाहिए। नदीम की सफलता हमें कुछ अच्छा करने के लिए प्रेरित करती है। अरशद नदीम ने हम सभी को भावुक कर दिया है। उन्हें जो सम्मान मिल रहा है, वह उसके हकदार हैं और वे राष्ट्रीय नायक हैं। उनकी उपलब्धियाँ पाकिस्तान में प्रतिभा को उजागर करती हैं और हम सभी को उन पर गर्व है।”
मसूद ने नदीम की सफलता के क्रिकेट टीम पर पड़ने वाले प्रभाव पर टिप्पणी करते हुए कहा-
“क्या इससे टीम पर दबाव पड़ता है? मैं इसे दबाव के रूप में नहीं बल्कि एक विशेषाधिकार के रूप में देखता हूं।”
“पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व करना एक बहुत बड़ा सम्मान है, और हर दिन जब हम खेलते हैं तो यह एक विशेषाधिकार है। हमें अपने देश का प्रतिनिधित्व करने पर बेहद गर्व महसूस करना चाहिए। अरशद नदीम की सफलता हमें पाकिस्तान के लिए कुछ अच्छा करने के अवसर का लाभ उठाने के लिए प्रेरित करती है।”
नीरज चोपड़ा को पीछे छोड़ अरशद ने जीता है गोल्ड मेडल
नदीम ने पेरिस ओलंपिक में इतिहास रचते हुए गोल्ड मेडल अपने नाम किया है। उन्होंने टूर्नामेंट के दौरान 92.97 मीटर दूर भाला फेंका, जो ओलंपिक में अबतक का रिकॉर्ड है। वहीं, नीरज चोपड़ा दूसरे स्थान पर रहे जिसके लिए उन्हें सिल्वर मेडल से नवाजा गया था।