पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) को चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के लिए ‘हाइब्रिड’ मॉडल को स्वीकार करने की अपनी इच्छा के बारे में सूचित किया है। चैंपियंस ट्राफी को लेकर ICC के तमाम प्रयासों के बावजूद आयोजन स्थलों के हाइब्रिड मॉडल को लेकर शनिवार को भी आम सहमति नहीं बन सकी है। पीसीबी की शर्त है कि यही मॉडल 2031 तक भारत में होने वाले आईसीसी आयोजनों में भी लागू किया जाए।
पीसीबी ने आईसीसी से कहा है कि वह चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी के लिए ‘हाइब्रिड मॉडल’ पर आयोजन के लिए तैयार है लेकिन ICC को 2031 तक भारत में होने वाले टूर्नामेंट के लिए भी यही व्यवस्था अपनाने की अनुमति देनी होगी। नकवी ने पत्रकारों से कहा, ‘‘मैं इस पर ज्यादा टिप्पणी नहीं करना चाहता क्योंकि इससे चीजें बिगड़ सकती हैं। हमने अपना दृष्टिकोण (आईसीसी को) बता दिया है, भारतीयों ने भी अपना दृष्टिकोण बता दिया है। प्रयास यह सुनिश्चित करना है कि सभी के लिए फायदा हो।”
“पाकिस्तान का गौरव सबसे महत्वपूर्ण है”- PCB चीफ मोहसिन नकवी का बयान
नकवी ने मीडिया को संबोधित करते हुए पारस्परिक रूप से लाभप्रद समाधान के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने इसमें शामिल सभी पक्षों का सम्मान करते हुए क्रिकेट को प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘क्रिकेट को जीतना चाहिए, यह सबसे महत्वपूर्ण है। लेकिन सभी के सम्मान के साथ। हम वही करेंगे जो क्रिकेट के लिए सबसे अच्छा होगा। हम जो भी फॉर्मूला अपनाएंगे, वह समान शर्तों पर होगा।’’
PCB चीफ ने आगे कहा कि, ‘‘पाकिस्तान का गौरव सबसे महत्वपूर्ण है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि क्रिकेट जीते लेकिन पाकिस्तान का गौरव भी बरकरार रहे। ’’ पीसीबी ने पहले टूर्नामेंट के बहिष्कार की धमकी दी थी जिससे यह प्रस्ताव थोड़ा नरमी भरा है। उसने कहा था कि अगर उसे मेजबानी के पूर्ण अधिकार नहीं दिये गये और भारत की न्यूट्रल वेन्यू की मांग स्वीकार कर ली गई तो वह टूर्नामेंट का बहिष्कार करेगा।
जब उनसे पूछा गया कि क्या पाकिस्तान अब इस व्यवस्था के लिए राजी हो गया है तो नकवी ने जवाब दिया, ‘‘देखते हैं क्या होता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मेरा प्रयास यह सुनिश्चित करना है कि कोई एकतरफा व्यवस्था नहीं हो। ऐसा नहीं होना चाहिए कि हम भारत जाएं और वे हमारे देश में नहीं आएं। विचार यह है कि इसे हमेशा के लिए समान शर्तों पर सुलझा लिया जाए।”