रोहित शर्मा के नेतृत्व में, भारत ने आखिरकार टी-20 वर्ल्ड कप 2024 जीतकर सालों से चले आ रहे आईसीसी ट्रॉफी के सूखे को खत्म कर दिया। फाइनल मुकाबले में उन्होंने दक्षिण अफ्रीका को सात रनों से हराया। उस जीत के बाद टीम इंडिया के कई सीनियर प्लेयर्स मैदान पर इमोशनल होते हुए नजर आए थे। टीम के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली ने फाइनल मुकाबले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
टूर्नामेंट में अपनी सफलता के बारे में बोलते हुए, रोहित ने बीसीसीआई सचिव जय शाह, चीफ सेलेक्टर अजीत अगरकर और पूर्व हेड कोच राहुल द्रविड़ को उनके निरंतर समर्थन के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने इन्हें ‘तीन स्तंभ’ भी कहा और कहा कि उनका लक्ष्य टीम इंडिया को एक विजेता टीम में बदलना है। 37 वर्षीय खिलाड़ी ने कहा कि वह आंकड़ों या नतीजों के बारे में ज्यादा चिंता नहीं करते हैं और एक अच्छा ड्रेसिंग रूम बनाना चाहते हैं और सभी प्लेयर्स को आजादी देना चाहते हैं।
जय शाह, अजीत अगरकर और राहुल द्रविड़ को लेकर रोहित शर्मा का बयान
टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा ने ‘सिएट क्रिकेट रेटिंग अवॉर्ड्स’ में साल का सर्वश्रेष्ठ पुरुष अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर चुने जाने के बाद कहा, ‘‘इस टीम को बदलना और आंकड़ों, परिणामों के बारे में ज्यादा चिंता नहीं करना, यह सुनिश्चित करना मेरा सपना था कि हम ऐसा माहौल बनाएं जहां लोग मैदान पर जाकर ज्यादा सोचे बिना खुलकर खेल सकें।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसी की जरूरत थी। मुझे अपने तीन स्तंभों से बहुत मदद मिली जो असल में जय शाह, राहुल द्रविड़ (और) चयन समिति के अध्यक्ष अजीत अगरकर हैं। रोहित ने कहा, ‘‘मैंने जो किया वह मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण था और निश्चित रूप से उन खिलाड़ियों को नहीं भूलना चाहिए जो अलग-अलग समय पर आए और टीम को वह हासिल करने में मदद की जो हमने हासिल किया।’’
रोहित ने कहा कि वर्ल्ड कप जीतने कुछ ऐसा था जिसे कभी भी शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘(यह) एक ऐसा अहसास था जो हर दिन नहीं आ सकता। जब हमने वर्ल्ड कप जीता, तो हम सभी के लिए उस पल का आनंद लेना महत्वपूर्ण था, जिसे हमने काफी अच्छी तरह किया और हमारे साथ जश्न मनाने के लिए हमारे देश को भी धन्यवाद।’’
भारतीय कप्तान ने आगे कहा कि, ‘‘जितना यह हमारे लिए मायने रखता था, उतना ही यह पूरे देश के लिए भी मायने रखता था। इसे वापस घर लाना और यहां सभी के साथ जश्न मनाकर बहुत अच्छा लगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘(यह) एक शानदार अहसास है जिसे कभी भी शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। मुझे नहीं लगता कि यह एक ऐसा अहसास है जिसे व्यक्त किया जा सकता है।’’