इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) फ्रेंचाइजियों के मालिकों ने सामूहिक रूप से उन विदेशी खिलाड़ियों पर दो साल का प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है जो बिना किसी कारण के नीलामी में खरीदे जाने के बाद टूर्नामेंट से अपना नाम वापस ले लेते हैं। आईपीएल फ्रेंचाइजी इस नियम को इसलिए लाना चाहती है क्योंकि कई विदेशी खिलाड़ी ऑक्शन में खरीदे जाने के बाद अपना नाम अंतिम समय में वापस ले लेते हैं जिससे टीम कॉम्बिनेशन पर फर्क पड़ता है।
दुनिया की सबसे लोकप्रिय क्रिकेट लीगों में से एक, आईपीएल को नीलामी में खरीदे जाने के बाद अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों के टूर्नामेंट से हटने के कारण कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। टीमों का कहना है कि विदेशी खिलाड़ी आईपीएल ऑक्शन के बाद अचानक अपना नाम वापस ले लेते हैं जिससे टीम के प्रदर्शन और रणनीति पर गहरा असर पड़ता है। इससे उनका पूरा टूर्नामेंट खराब हो जाता है।
टीमों ने कहना है कि, अगर खिलाड़ी को चोट लगे तो वहां उसे छूट दी जा सकती है लेकिन कई खिलाड़ी ऑक्शन में कम कीमत मिलने की वजह से नाम वापस लेते हैं। तो उस पर बैन लगना चाहिए।
पिछले सीजन कई खिलाड़ियों ने व्यक्तिगत कारणों की वजह से अपना नाम वापस लिया था
पिछले कुछ सीजन में जेसन रॉय, एलेक्स हेल्स, हैरी ब्रूक और वानिंदु हसरंगा जैसे खिलाड़ियों ने बिना किसी ठोस वजह के अपना नाम वापस ले लिया था। इसके अलावा खिलाड़ियों के रिटेंशन की संख्या को लेकर लगातार चर्चा देखने को मिल रही है। मौजूदा वक़्त में टीमों के पास मेगा ऑक्शन से पहले सिर्फ चार खिलाड़ियों को रिटेन की ही इजाजत है।
रिटेन खिलाड़ियों के नंबर को 8 तक बढ़ाए जाने की बात कही जा रही है। अब देखना दिलचस्प होगा कि क्या रिटेन खिलाड़ियों के नंबर्स में इजाफा होता है या नहीं। इसके अलावा फ्रेंचाइजी ने कुछ और भी डिमांड रखी है। अब देखना ये होगा कि, बबीसीसीआई आने वाले आईपीएल सीजन के लिए रिटेंशन से जुड़ी क्या फैसला लेती है।