Deepak Chahar. (Image Source: BCCI)
भारत के तेज गेंदबाज दीपक चाहर (Deepak Chahar) मैदान में वापसी के लिए तैयार हैं और उनकी नजर इस साल जून में अमेरिका और वेस्टइंडीज की संयुक्त मेजबानी में होने वाले आगामी आईसीसी टी-20 वर्ल्ड कप 2024 पर है।
दरअसल, दीपक चाहर (Deepak Chahar) को उनके पिता को ब्रेन स्ट्रोक आने के कारण पिछले साल दिसंबर में भारत के दक्षिण अफ्रीका दौरे और उसके बाद अफगानिस्तान के खिलाफ घरेलू T20I मैच से चूकना पड़ा था। हालांकि, भारतीय तेज गेंदबाज के पिता अब उबर चुके हैं।
मेरे लिए, मेरे पिता सबसे पहले हैं: Deepak Chahar
चूंकि भारत जून में होने वाले टी-20 वर्ल्ड कप 2024 तक कोई भी T20I मैच नहीं खेलेगा, इसलिए दीपक चाहर (Deepak Chahar) के पास टीम में जगह बनाने का एकमात्र मौका आगामी आईपीएल 2024 है। चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के स्टार ने भारत की हालिया सीरीज में हिस्सा न लेने के पीछे की वजह का भी खुलासा किया है।
दीपक चाहर ने पीटीआई के हवाले से कहा: “मेरे लिए, मेरे पिता सबसे पहले हैं। मैं यहां केवल उनकी वजह से हूं। मैंने जो कुछ भी हासिल किया है, वह अपने पिता की वजह से है। अगर मैं उन परिस्थितियों में उनके साथ नहीं होता हूं, तो फिर मैं कैसा बेटा हूं? अगर सीरीज भारत में होती तो मैं जरूर खेलने की कोशिश करता, क्योंकि जरूरत पड़ने पर आप 4-5 घंटे के अंदर अस्पताल आ सकते हैं। लेकिन दक्षिण अफ्रीका से भारत वापस आने में 2-3 दिन लगते हैं। इसलिए दक्षिण अफ्रीका दौरे को छोड़ना और मेरे पिता के साथ रहना एक वाजिब निर्णय था। कोई भी बेटा ऐसा करेगा।”
“मैं 25 दिनों तक अपने पिता के साथ अस्पताल में था”
भारतीय तेज गेंदबाज ने आगे कहा: “मैं 25 दिनों तक अपने पिता के साथ अस्पताल में था। उन्हें अलीगढ़ में भर्ती कराया गया था। हम सभी को वहीं रुकना पड़ा, मैं सिर्फ कुछ एक्सरसाइज ही कर पाया था। मैं कोई भी क्रिकेट एक्टिविटी नहीं कर पा रहा था। इसलिए मैं अफगानिस्तान सीरीज के लिए तैयार नहीं था। मैंने लगभग एक महीने तक अभ्यास नहीं किया था। इसके बाद मैं NCA गया। मैंने फिर से अपना अभ्यास शुरू कर दिया और अब मैं पूरी तरह फिट हूं।
अब सब कुछ अच्छा है। मैंने 2024 आईपीएल और टी-20 वर्ल्ड कप के लिए वास्तव में कड़ी मेहनत की। मैं अपनी चोटों के कारण दो टी-20 वर्ल्ड कप नहीं खेल पाया। अगर मैं पूरी तरह फिट होता तो वर्ल्ड कप टीम का भी हिस्सा होता। भारत को हमेशा एक ऐसे गेंदबाज की आवश्यकता होती है, जो नंबर 7, 8, 9 पर बल्लेबाजी कर सके। मैंने ऐसा किया है और भारतीय टीम के लिए रन बनाए हैं। तो देखते हैं क्या होता है!”