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दिल्ली में क्रिकेट खेलते समय करंट लगने से तेरह साल के बच्चे की मौत, मां ने बिजली विभाग पर लगाया लापरवाही का आरोप

दिल्ली में क्रिकेट खेलते समय करंट लगने से तेरह साल के बच्चे की मौत मां ने बिजली विभाग पर लगाया लापरवाही का आरोप

दिल्ली में क्रिकेट खेलते समय करंट लगने से तेरह साल के बच्चे की मौत मां ने बिजली विभाग पर लगाया लापरवाही का आरोप

(Image Credit- Twitter X)

दिल्ली के कोटला विहार फेस- 2 के रनहोला इलाके से एक बेहद ही दिल दहलाने वाली घटना सामने आ रही है। बता दें कि इलाके में क्रिकेट खेलते समय एक 13 साल के बच्चे की बिजली का करंट लगने से मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि 10 अगस्त को बच्चा इलाके के किसी ग्राउंड पर क्रिकेट खेल रहा था, तो वहीं जब वह पास की गौशाला में गेंद को लाने पहुंचा, तो वहां पर मौजूद एक लोहे के खंबे, जिसमें करंट आ रहा था, उससे चिपकने से उसकी मौत हो गई।

पुलिस अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार, इस घटना के बाद उन्हें उन्हें दिन के समय एक फोन आया जिसमें बिजली के झटके के कारण एक लड़के की मौत की सूचना मिली। पुलिस द्वारा तत्काल कार्रवाई करते हुए लड़के को DDU अस्पताल ले गई, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। फिलहाल, मामले की जांच चल रही है और पुलिस ने रनहोला थाने में एफआईआर (FIR) दर्ज कर ली है।

तो वहीं उक्त मामले को लेकर आउटर दिल्ली के डीसीपी Jimmy Chiram ने कहा- हमें शनिवार 10 अगस्त 2024 को दोपहर 1.27 बजे एक पीसीआर कॉल मिली। यह करंट लगने से एक लड़के की मौत के संबंध में रनहोला पुलिस स्टेशन में आई थी। इसके बाद जांच करने गई टीम को पता चला कि कोटला विहार फेज-2 में क्रिकेट खेल रहा लड़का गौशाला में बिजली ले जाने वाले लोहे के खंभे के संपर्क में आने से करंट की चपेट में आ गया। उसे तुरंत पीसीआर वैन द्वारा DDU अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 106 (1) के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच जारी है।

बच्चे की मां ने दिया बयान

तो वहीं घटना को लेकर मृतक बच्चे की मां ने कहा- मेरा बेटा, जो एक सरकारी स्कूल की कक्षा 7 का छात्र था, शनिवार को अपने दोस्तों के साथ क्रिकेट खेलने गया था। वह गेंद लेने के लिए गौशाला के पास गया। गौशाला में बिजली का तार ले जाने वाले खंभे से उसे करंट का झटका लगा।

कई छोटे बच्चे क्रिकेट खेलने के लिए मैदान में जाते हैं और ऐसा किसी के साथ भी हो सकता है। जब मेरा बेटा मर रहा था, तो कोई उसे बचाने के लिए आगे नहीं आया। मेरा बड़ा बेटा उसकी जान बचाने के लिए वहां चिल्ला रहा था, लेकिन एक भी व्यक्ति ने गौशाला वालों से बिजली बंद करने के लिए नहीं कहा।

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