
Dimuth Karunaratne (Photo Source: X)
श्रीलंका के अनुभवी सलामी बल्लेबाज दिमुथ करुणारत्ने ने 2017 में भारत के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज में रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा का सामना करने की चुनौती को याद किया है। करुणारत्ने, जो ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ गाले में खेले जाने वाले दूसरे टेस्ट के बाद संन्यास लेने वाले हैं, उन्होंने बताया कि जब अश्विन और जडेजा एक साथ गेंदबाजी करते थे, तो ढीली गेंदें मिलना लगभग असंभव हो जाता था।
भारत ने उस सीरीज में श्रीलंका को तीनों टेस्ट में हराते हुए 3-0 से क्लीन स्वीप किया था। इस दौरान अश्विन और जडेजा ने मिलकर कुल 30 विकेट झटके थे। हालांकि, करुणारत्ने श्रीलंका की ओर से सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे थे। उन्होंने तीन टेस्ट में 47.50 की औसत से 285 रन बनाए, जिसमें एक शतक और एक अर्धशतक शामिल था।
अपने 100वें टेस्ट से पहले ESPN Cricinfo से बातचीत में 35 वर्षीय करुणारत्ने ने कहा कि अश्विन और जडेजा को खेलने का सबसे अच्छा तरीका उन्हें लंबे स्पेल तक गेंदबाजी करने देना है, जिससे बाद में कुछ ढीली गेंदें मिलती हैं। उन्होंने यह भी बताया कि उस सीरीज में उन्होंने सिर्फ तीन शॉट्स तक खुद को सीमित रखा था।
“2017 में भारत के खिलाफ खेली गई टेस्ट सीरीज में मैंने यह सीखा। आर अश्विन और रवींद्र जडेजा गेंदबाजी कर रहे थे और उन्हें खेलना बेहद कठिन था। जब वे एक साथ गेंदबाजी करते थे, तो ढीली गेंद मिलना नामुमकिन हो जाता था। वे पारी की शुरुआत से ही गेंदबाजी करने आ जाते थे, जिससे रन बनाना बहुत मुश्किल हो जाता था।”
उन्होंने आगे कहा, “मैंने उस सीरीज में धैर्य रखना सीखा। मैंने उनके पहले, दूसरे और तीसरे स्पेल को खेला और फिर अंततः कुछ ढीली गेंदें मिलने लगीं। उस सीरीज में मेरा बहुत ही सरल गेम प्लान था – मैं सिर्फ तीन शॉट खेलूंगा, उसके अलावा कुछ नहीं। इसका अच्छा असर हुआ। अश्विन मुझे न तो एलबीडब्ल्यू आउट कर सके और न ही पीछे कैच करा सके।”
100 टेस्ट खेलने वाले सातवें श्रीलंकाई क्रिकेटर बनेंगे करुणारत्ने
गाले में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना आखिरी टेस्ट खेलने जा रहे दिमुथ करुणारत्ने श्रीलंका के लिए 100 टेस्ट खेलने वाले केवल सातवें खिलाड़ी बन जाएंगे। हालांकि, उनके खाते में 7,000 से अधिक टेस्ट रन दर्ज हैं, लेकिन हाल के महीनों में उनका फॉर्म अच्छा नहीं रहा है। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टेस्ट में दो बार सिंगल डिजिट स्कोर दर्ज किया था। करुणारत्ने के संन्यास के बाद श्रीलंका को एक नए सलामी बल्लेबाज की तलाश करनी होगी, जो उनकी जगह टीम में भर सके।