Tilak Varma (Photo Source: Twitter)
विंडीज ने मंगलवार, 8 अगस्त को गुयाना में खेले गए तीसरे टी20 मैच में मेन इन ब्लू के सामने 160 रन का लक्ष्य रखा था। सूर्यकुमार यादव की आक्रामक 44 गेंदों में 83 रन और वर्मा की 37 गेंदों में नाबाद 49 रनों की पारी के बदौलत टीम इंडिया ने इस मैच को 13 गेंद शेष रहते 7 विकेट से अपने नाम किया।
JioCinema पर बातचीत के दौरान, आरपी सिंह से पूछा गया कि क्या आने वाले समय में तिलक वर्मा टीम इंडिया के लिए बाकी के फॉर्मेट में डेब्यू करते हुए दिखेंगे या नहीं? इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि. “उसने अपनी पर्ची डाल दी है और हर किसी को इसे पढ़ना चाहिए।
वो नंबर 4 पर खेलता है वो बाएं हाथ का बल्लेबाज है। वह सभी बॉक्सों पर टिक करता है। जब उसे टी20 प्रारूप के लिए चुना गया, तो उसके लिस्ट ए करियर की जांच की गई। वह एक शानदार था आईपीएल से पहले वो एक शानदार लिस्ट ए प्लेयर था।” पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज ने बताया कि हैदराबाद का युवा खिलाड़ी आम तौर पर पारंपरिक शॉट खेलता है और लेकिन टी-20 फॉर्मेट में खुद को ढ़ालने के लिए उन्होंने अपने खेल में कुछ बदलाव किए।
टी-20 फॉर्मेट के लिए तिलक वर्मा ने किया अपनी खेल में बदलाव
तिलक वर्मा ने कहा कि, “वह अपनी पारी बनाते थे और अपनी टीम के लिए मैच जीतते थे। वह अपने विकेट को महत्व देते हैं। आप उन्हें बाहर निकलकर बहुत अधिक शॉटस खेलते हुए नहीं देखेंगे। वह ऐसे शॉट्स चुनते हैं जो तकनीकी रूप से सही होते हैं। लेकिन टी-20 फॉर्मेट के लिए उन्होंने अपने खेल में थोड़ा बदलाव किया है।”
आपको बता दें कि, लिस्ट ए क्रिकेट में वर्मा का रिकॉर्ड शानदार है। 20 वर्षीय खिलाड़ी ने 25 पारियों में 56.18 की बेहतरीन औसत और 101.64 की शानदार स्ट्राइक रेट से 1236 रन बनाए हैं। वहीं आरपी सिंह ने ये भी कहा कि तिलक वर्मा अपने शॉट्स का चयन विकेट और पिच को देख कर करते हैं।
पूर्व गेंदबाज ने आगे कहा कि, “उनकी बल्लेबाजी के बारे में अच्छी बात यह है कि अगर उन्हें पहली गेंद खराब मिलेगी तो वो उस पर प्रहार करेंगे। वो निडर होकर क्रिकेट खेलते हैं। लेकिन वह यह भी देखते हैं कि गेंद को कहां मारना है। ऐसा नहीं है कि आप जाएं और छक्के मारें। उन्होंने एक ड्राइव खेली और फिर अपर कट के साथ चौका मारने के लिए जगह बनाई।”
तीसरे टी-20 मैच के दौरान तिलक वर्मा ने अपनी नाबाद 49 रनों की पारी के दौरान चार चौका और एक छक्का लगाया। हालांकि वह थोड़े दुर्भाग्यशाली रहे और लगातार दूसरा अर्धशतक बनाने से चूक गए। लेकिन वह अपनी पहली तीन T20I पारियों में प्रत्येक में 30 से अधिक रन बनाने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बन गए