ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेटर इयान चैपल ने बाउंड्री नियम को लेकर अपना पक्ष रखा है। इयान चैपल के मुताबिक अंपायर को बल्लेबाजी टीम को बाउंड्री तब ही देना चाहिए जब गेंद बाउंड्री के बाहर गई हो। यही नहीं जब फील्डर ने गेंद बाउंड्री से पहले पकड़ ली हो तब उस नियम में बदलाव करने चाहिए।
इयान चैपल के मुताबिक क्रिकेट प्रशासकों को टेस्ट क्रिकेट को बचाने के लिए अहम कदम उठाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि ओवर के खत्म होने के बाद बल्लेबाजों को बात करने के लिए ज्यादा समय नहीं देना चाहिए और मौसम को देखते हुए ड्रिंक्स ब्रेक के समय को कम ही रखना चाहिए। इससे काफी समय बचेगा। उन्होंने यह भी कहा कि जब टीम या खिलाड़ी रिव्यू लेता है तो उन्हें इसका जल्द से जल्द उपयोग करना चाहिए और रिव्यू के समय को भी कम कर देना चाहिए।
ESPNक्रिकइंफो के अपने कॉलम में ऑस्ट्रेलिया के पूर्व खिलाड़ी ने लिखा कि, ‘बाउंड्री केवल उन गेंदों के लिए संकेत क्यों नहीं दी जाती है जो रस्सी से टकराती है बजाय इसके कि किसी फील्डर के पैरों या हाथों के से लगकर बाहर जाए? टेस्ट क्रिकेट में पहले से ही खेल की गति बहुत कम है। इसमें कुछ भी सुधार नहीं हो रहा है और यह दिन प्रतिदिन और धीमा होता जा रहा है। हमें इस प्रारूप को और तेज करना बेहद जरूरी है।’
बाउंड्री नियम में किया जाए बदलाव: इयान चैपल
इयान चैपल ने यह अपील की है कि बाउंड्री लाइन के बाहर जब गेंद जाए तभी उसे 6 रन या 4 रन दिया जाए। उनके मुताबिक टेस्ट क्रिकेट में एक या दो रन के बचाने या अतिरिक्त होने से खेल में कोई बदलाव होगा। उनके मुताबिक यह सब लिमिटेड ओवर्स क्रिकेट में महत्वपूर्ण होता है। हालांकि अगर नियम बदल दिए जाएंगे तो खेल की गति में भी तेजी देखने को मिलेगी।
यही नहीं अगर टेस्ट क्रिकेट में लगातार कैच और बाकी चीजों के बारे में देखा जाएगा तो इससे समय काफी बर्बाद होगा। ऐसे कई पूर्व खिलाड़ी हैं जिन्होंने इस चीज को लेकर अपना पक्ष रखा है कि जल्द से जल्द टेस्ट क्रिकेट को बेहतर करने के लिए उसमें बदलाव किए जाए और इसके लिए सभी खिलाड़ियों को और प्रशासकों को साथ में मिलकर महत्वपूर्ण कदम उठाने पड़ेंगे।