टेस्ट और वनडे फॉर्मेट को बढ़ावा देने के लिए, अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) कुछ बदलाव करने पर विचार कर रहा है। इस बदलाव के तहत प्रत्येक वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप (WTC) सीरीज में न्यूनतम तीन टेस्ट होंगे और वनडे में पहले 25 ओवरों के लिए दो गेंदों का उपयोग किया जाएगा और फिर एक ही गेंद से बाकी के 25 ओवर फेंके जाएं। आईसीसी की बोर्ड मीटिंग दुबई में हुई है, जिसने महिला क्रिकेट को लेकर भी बात की गई।
अगर TOI की रिपोर्ट की मानें तो आईसीसी की क्रिकेट कमिटी को बोर्ड मीटिंग में कई सजेशन मिले हैं। इसी वजह से क्रिकेट कमिटी ने सिफारिश की है कि टेस्ट क्रिकेट को प्रमोट करने के लिए अगली WTC साइकिल में ज्यादा से ज्यादा डे-नाइट टेस्ट यानी पिंक बॉल टेस्ट मैच आयोजित किए जाएं और टेस्ट सीरीज भी WTC के अंतर्गत कम से कम 3 मैचों की हो।
तीन मैचों की टेस्ट सीरीज करवाने पर विचार कर रहा है ICC
आईसीसी के सूत्र ने बताया कि, “दक्षिण अफ्रीका, न्यूजीलैंड और श्रीलंका जैसे कुछ देश ज्यादातर मौकों पर सिर्फ दो टेस्ट मैचों की सीरीज खेलते हैं। सिर्फ भारत, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया ही लंबी टेस्ट सीरीज खेलते हैं। इससे टेस्ट क्रिकेट को बढ़ावा देने में मदद नहीं मिलती और अंकों का वितरण बहुत अनुचित हो जाता है। सिफारिशें ऐसी असमानताओं को मिटाने के उद्देश्य से की गई हैं।”
डे-नाइट टेस्ट का आयोजन इस वक्त सिर्फ क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया में होता है, लेकिन बीसीसीआई ने दो साल से गुलाबी गेंद से एक भी टेस्ट मैच अपनी धरती पर नहीं खेला है। टीम इंडिया आगामी दिसंबर में ऑस्ट्रेलिया में पिंक बॉल टेस्ट खेलेगी।
सूत्र ने बताया, “आईसीसी समिति का मानना है कि गुलाबी गेंद से खेले जाने वाले टेस्ट मैचों की वजह से स्टेडियम में ज्यादा लोग आते हैं। हाल ही में पाकिस्तान में दर्शकों की संख्या बहुत कम देखी गई। भारत में खेले गए 3 पिंक बॉल टेस्ट मैचों में सामान्य से ज्यादा टिकटें बिकीं। टेस्ट खेलने वाले देशों को ज्यादा पिंक बॉल से खेले जाने वाले टेस्ट मैचों के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।”