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जैसे ही मुझे RCB महिला टीम में चुना गया मैंने रोना शुरू कर दिया: श्रेयांका पाटिल

जैसे ही मुझे RCB महिला टीम में चुना गया मैंने रोना शुरू कर दिया: श्रेयांका पाटिल

जैसे ही मुझे RCB महिला टीम में चुना गया मैंने रोना शुरू कर दिया: श्रेयांका पाटिल

Shreyanka Patil (Pic Source-Twitter)

भारतीय महिला टीम की स्टार क्रिकेटर श्रेयांका पाटिल ने हाल ही में उस समय के बारे में बताया जब महिला प्रीमियर लीग के पहले सीजन में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने उन्हें अपनी टीम में शामिल किया था। बता दें, श्रेयांका पाटिल का प्रदर्शन महिला प्रीमियर लीग में अभी तक काफी अच्छा रहा है और उन्होंने अपनी गेंदबाजी से तमाम फैंस का दिल जीता है।

श्रेयांका पाटिल ने इस बात का खुलासा किया कि जब नीलामी में उनका नाम और नंबर बोला गया था तब उन्होंने अपनी उंगली क्रॉस कर ली थी। यही नहीं जब रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने उन्हें नीलामी में अपनी टीम में शामिल किया तब उन्हें काफी सुकून मिला और वो काफी खुश थी।

RCB के साथ अपने हालिया पॉडकास्ट एपिसोड के दौरान श्रेयांका पाटिल ने कहा कि, ‘RCB ने बोली लगानी शुरू की और मैं कह रही थी कि रुक जाइए, रुक जाइए और उन्होंने कहा कि सोल्ड टू RCB। सभी लोग कूद पड़े। कुछ लोग खुशी के मारे कूद पड़ते हैं जबकि कुछ रोते हैं। मैं बिल्कुल ही ब्लैंक थी। 5 मिनट बाद मैंने रोना शुरू कर दी। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि यह सच है या झूठ। इसे मानना चाहिए या नहीं। मैं पूरी तरीके से हैरान रह गई थी।’

काफी खुशी महसूस हो रही थी कि आरसीबी ने मुझे अपनी टीम में शामिल किया: श्रेयांका पाटिल

श्रेयांका पाटिल ने आगे इस बात का खुलासा किया कि रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने उनका स्वागत बिल्कुल परिवार की तरह किया। उन्होंने यह भी बताया कि उनके पिता और कई कोच की मदद से उनकी ऑफ स्पिन और बेहतर हो सकी। श्रेयांका पाटिल ने आगे कहा कि, ‘मुझे काफी खुशी महसूस हो रही थी कि मैं इस जगह पर हूं और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने मेरा बिल्कुल मेरे परिवार के लोगों की तरह स्वागत किया।

यह पूरी चीज काफी अच्छी थी और मुझे बहुत ही खास महसूस हुआ। ऑफ स्पिन ऐसी चीज है जिसे मैं काफी पसंद करती हूं। यह सच में काफी मजेदार था। उसके बाद मेरे कोच और मेरे पिता जो खुद एक ऑफ स्पिनर थे उन्होंने मेरे गेंदबाजी एक्शन में काम करना शुरू किया। मेरे पिता ने मुझसे कहा कि जैसी आप है वैसी रहे और कुछ अलग करने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है।’

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