Zaheer Khan and Rohit Sharma (Pic Source-Twitter)
17 जनवरी को खेले गए तीसरे और अंतिम टी20 मुकाबले में भारत ने डबल सुपर ओवर में अफगानिस्तान को बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में मात दी। बता दें, यह काफी रोमांचक मुकाबला था लेकिन अंत में भारत ने इस मैच को अपने नाम किया।
इस मैच में भारतीय टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में चार विकेट खोकर 212 रन बनाए थे। टीम की ओर से कप्तान रोहित शर्मा ने 69 गेंदों पर 11 चौके और आठ छक्कों की मदद से 121 रनों की रिकॉर्डतोड़ शतकीय पारी खेली। यही नहीं रिंकू सिंह ने भी इस मैच में 69* रनों का बहुमूल्य योगदान दिया। हालांकि अफगानिस्तान की ओर से गुलबदिन नाईब ने आक्रामक बल्लेबाजी करते हुए 23 गेंदों में चार चौके और चार छक्कों की मदद से 55 रनों की तूफानी पारी खेली।
उनकी इस पारी की वजह से अफगानिस्तान ने 20 ओवर में छह विकेट खोकर 212 रन बनाए। इसके बाद पहले सुपर ओवर में भारतीय टीम की ओर से मुकेश कुमार ने गेंदबाजी की और अफगानिस्तान ने 16 रन बनाए। हालांकि रोहित शर्मा की आक्रामक बल्लेबाजी की वजह से पहला सुपर ओवर भी टाई में समाप्त हुआ। दूसरे सुपर ओवर में भारतीय टीम ने पहले बल्लेबाजी की और 11 रन ही बना पाए।
सबसे हैरान कर देने वाली बात यह थी कि भारतीय टीम की ओर से दूसरा सुपर ओवर रवि बिश्नोई फेंकने आए थे। तमाम लोग इस चीज को देखकर काफी हैरान थे। हालांकि रवि बिश्नोई ने तमाम भारतीय फैंस और रोहित शर्मा के फैसले को निराश नहीं किया और उन्होंने तीन गेंदों पर एक रन देकर दो विकेट झटके और भारतीय टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई। पूर्व गेंदबाज जहीर खान रोहित शर्मा के इस फैसले से काफी खुश थे और उन्होंने भारतीय कप्तान की जमकर प्रशंसा की।
रोहित शर्मा का यह फैसला काफी स्मार्ट था: जहीर खान
जिओसिनेमा पर बात करते हुए जहीर खान ने कहा कि, ‘मेरा मानना है कि यह बहुत ही स्मार्ट और बहादुर वाला निर्णय था क्योंकि आपके पास इन परिस्थितियों में इतना समय नहीं होता है। आपको अपनी सोच पर भरोसा जताना होता है। जिसने भी रवि बिश्नोई को गेंदबाजी करवाने का फैसला लिया था उसकी जमकर प्रशंसा की जानी चाहिए।
दूसरा सुपर ओवर भारतीय टीम के लिए काफी अच्छा शुरू हुआ था क्योंकि पहली गेंद पर ही छक्का पड़ा था। उसके बाद अफगानिस्तान ने काफी अच्छी वापसी की। यही नहीं भारतीय टीम सुपर ओवर की पूरी 6 गेंदें भी नहीं खेल पाई। इसके बाद फैसला यह लेना था कि कौन गेंदबाजी करेगा। रवि बिश्नोई को गेंदबाजी देने का फैसला सही था क्योंकि बल्लेबाज गेंदबाज के खिलाफ 12 रन आसानी से बना लेते हैं। ऐसा इसलिए भी क्योंकि गेंदबाज दबाव की वजह से गलती जरूर करते हैं।’