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जब भी हम प्लेइंग XI चुनते हैं अक्सर लोगों को निराश कर देते हैं- राहुल द्रविड़ ने टीम चयन पर दिया चौंकाने वाला बयान

जब भी हम प्लेइंग XI चुनते हैं अक्सर लोगों को निराश कर देते हैं- राहुल द्रविड़ ने टीम चयन पर दिया चौंकाने वाला बयान

जब भी हम प्लेइंग XI चुनते हैं अक्सर लोगों को निराश कर देते हैं- राहुल द्रविड़ ने टीम चयन पर दिया चौंकाने वाला बयान

Rahul Dravid (Photo Source: Twitter)

भारतीय क्रिकेट टीम इन दिनों वेस्टइंडीज दौरे पर है। जहां भारत को कैरिबियाई टीम के खिलाफ टेस्ट, टी20 और ODI खेलना है। वहीं आज से दोनों टीमों के बीच पहला टेस्ट मैच खेला जाएगा। जिसको लेकर दोनों ही टीमें तैयारियों में लगी हुई है। वहीं इस मैच से पहले टीम इंडिया के हेड कोच राहुल द्रविड़ ने टीम चयन को लेकर बड़ा बयान दिया है।

दरअसल उनका कहना है कि, जब भी हम प्लेइंग XI चुनते हैं अक्सर लोगों को निराश कर ही देते हैं। इसके साथ ही उनका कहना है कि, सिर्फ 15 खिलाड़ी ही टीम का हिस्सा बन सकते हैं और ऐसे में कभी-कभी कुछ अच्छेप्लेयर्स को बाहर करना पड़ता है, जिससे काफी दुख भी पहुंचता है।

टीम चयन को लेकर कोच राहुल द्रविड़ का हैरान करने वाला बयान

दरअसल Cred Curious शो पर बातचीत करते हुए राहुल द्रविड़ ने कहा कि, आप पर्सनल लेवल पर भी उन सभी लोगों की परवाह करते हैं जिन्हें आप ट्रेनिंग देते हैं और आप पर्सनल कनेक्शन बनाने की कोशिश कर रहे हैं। आप उन्हें एक इंसान के रूप में ट्रेनिंग देना चाहते हैं, ना कि क्रिकेट खिलाड़ियों के रूप में। ऐसे में जब आप ऐसा करते हैं, तो आप चाहते हैं कि वे सभी सफल हों। लेकिन साथ ही, आपको रियलिस्टिक होना होगा और यह महसूस करना होगा कि उनमें से सभी सफल नहीं होंगे।

उन्होंने अपनी बात को जारी रखते हुए आगे कहा कि,  कभी-कभी आपको कठिन और मुश्किल फैसले लेने पड़ते हैं। जब भी हम फाइनल प्लेइंग XI चुनते हैं, हम लोगों को निराश कर ही देते हैं। दरअसल जब भी हम किसी टूर्नामेंट के लिए 15 खिलाड़ी चुनते हैं, उनमें से जब टीम के लिए कुछ खिलाड़ियों का चयन नहीं हो पाता तो बहुत सारे लोग ऐसे होते हैं जो महसूस करते हैं कि उन्हें वहां होना चाहिए। दरअसल आप भी भावनात्मक स्तर पर उनके लिए बुरा महसूस करते हैं पर कम से कम हमें कोशिश करना चाहिए।

राहुल द्रविड़ ने आगे कहा कि, मैं यह नहीं कहता कि मैं इसमें परफेक्ट हूं। मैं यह नहीं कह रहा हूं कि मैं इसे हर समय सही पाता हूं क्योंकि इसका आप पर असर पड़ता है। दरअसल कोचिंग या टीमों का नेतृत्व करने का यह सबसे कठिन हिस्सा है। खासकर उन लोगों के बारे में कठिन निर्णय लेना जिन्हें आप वास्तव में सफल होते देखना और उनका अच्छा चाहते हैं। लेकिन आप नियम के तहत मजबूर होकर केवल इतने ही खिलाड़ियों को चुन सकते हैं।

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