भारत के महान सलामी बल्लेबाज शिखर धवन ने क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास लेने के अपने फैसले के बारे में बताते हुए कहा कि, घरेलू क्रिकेट या इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में खेलने के लिए उनके पास “प्रेरणा” नहीं बची थी। अगस्त में 38 साल की उम्र में संन्यास लेने वाले धवन ने लीजेंड्स लीग क्रिकेट इवेंट के मौके पर बोलते हुए अपने फैसले के बारे में खुलकर बात की।
पूर्व सलामी बल्लेबाज शिखर धवन ने बुधवार को खुलासा किया कि राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने के लिए घरेलू क्रिकेट खेलने की उनके पास ‘प्रेरणा’ नहीं बची थी और यही कारण था कि उन्होंने पिछले महीने खेल से संन्यास लेने का फैसला किया।लीजेंड्स लीग टूर्नामेंट में खेल रहे धवन ने पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कहा कि, ‘‘मैं घरेलू क्रिकेट नहीं खेलना चाहता था जो मैंने 18 या 19 साल की उम्र में खेलना शुरू कर दिया था। मेरे अंदर से क्रिकेट के इस प्रारूप को खेलने के लिए प्रेरणा नहीं थी।”
ICC टूर्नामेंट में शिखर धवन का रहा बोलबाला
शिखर धवन भारत के प्रमुख व्हाइट बॉल प्लेयर में से एक के रूप में सामने आए, खासकर आईसीसी टूर्नामेंटों में, जहां उनका सभी भारतीय बल्लेबाजों के बीच उच्चतम औसत (65.15) है। अपने शानदार करियर के दौरान श्रीलंका के खिलाफ 2021 सीरीज में उन्होंने रोहित शर्मा की गैरमौजूदगी में शिखर धवन की कप्तानी की। धवन ने 12 वनडे मैचों में भारत का नेतृत्व किया, जिसमें से सात में जीत और तीन मैचों में हार का सामना करना पड़ा।
सलामी बल्लेबाज ने कहा कि, ‘‘अगर मैं पीछे मुड़कर देखूं तो पिछले दो साल में मैं बहुत ज्यादा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेल रहा था और मैं सिर्फ आईपीएल खेल रहा था इसलिए मैं ज्यादा क्रिकेट (कुल मिलाकर) नहीं खेल रहा था।”
कप्तान के रूप में अपने सफल कार्यकाल के बावजूद, धवन का अंतरराष्ट्रीय करियर धीरे-धीरे धीमा हो गया। शुभमन गिल जैसे प्लेयर के आने के बाद उन्हें इस टीम से नजरअंदाज किया जाने लगा। धवन ने भारत के लिए अपना आखिरी मैच दिसंबर 2022 में खेला, जो भारतीय क्रिकेट के लिए एक महत्वपूर्ण युग के अंत का प्रतीक है।