Brad Hogg. (Photo Source: Twitter)
मयंक यादव ने इंडियन प्रीमियर लीग के 2024 संस्करण के दौरान काफी नाम कमाया था। लखनऊ सुपर जायंट्स के लिए खेलते हुए इस युवा गेंदबाज ने अपनी तेज गति से कई लोगों को प्रभावित किया। हालाँकि, इस होनहार युवा तेज गेंदबाज का करियर बार-बार चोटों के कारण बाधित रहा है, जिससे उनकी हाई क्लास गेंदबाजी शैली की स्थिरता पर सवाल उठ रहे हैं।
दरअसल, हाल ही में संपन्न बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान, जसप्रीत बुमराह ने अच्छा प्रदर्शन किया। हालांकि, बाकी गेंदबाज विकेट नहीं ले पा रहे थे जिससे साफ दिख रहा था कि पूरी टीम बुमराह पर टिकी है और भारत की गेंदबाजी में वह ताकत नहीं बची। ऐसे में कई लोगों ने चोटिल मयंक यादव की अनुपस्थिति की ओर इशारा किया था, जिनकी तेज गति ऑस्ट्रेलियाई पिचों पर प्रभाव डाल सकती थी।
पूर्व आस्ट्रेलियाई स्पिनर ब्रैड हॉग ने इस मुद्दे पर अपना विश्लेषण प्रस्तुत करते हुए बताया है कि भारत के गेंदबाजों के साथ क्या समस्या है।
खेलने से ज्यादा आईपीएल के कॉन्ट्रैक्ट पर रहता है गेंदबाजों का ध्यान
ब्रैड हॉग ने अपने यूट्यूब चैनल के माध्यम से बताया कि मयंक यादव सहित युवा तेज गेंदबाज खुद को IPL लेवल की फिटनेस से आगे ही नहीं बढ़ना चाहते हैं, यही कारण है कि वो अब तक भारत की टेस्ट टीम में आने में नाकाम रहे हैं। उन्होंने कहा-
“मयंक यादव को केवल गति के कारण पहचान मिली है। उनके जैसे कुछ अन्य गेंदबाज भी हैं, जो निरंतर 145-150 की रफ्तार से गेंदबाजी करते हैं। मेरा मानना है कि भारत से युवा तेज गेंदबाज सामने आ रहे हैं, कभी-कभी उनका सोचना सही होता है कि केवल तेज रफ्तार से गेंद करें। वो सोचते हैं कि, ‘मुझे IPL कॉन्ट्रैक्ट मिल जाता है तो मैं संतुष्ट हो जाउंगा।”
“जैसे ही उन्हें आईपीएल कॉन्ट्रैक्ट मिलता है, बाकी सब उनके लिए बकवास बन जाता है। वो नहीं सीखते कि लंबे फॉर्मेट में कैसे खेला जाता है। उन्हें सहनशीलता और धैर्य के साथ खेलने का बिल्कुल आइडिया नहीं है। उन्हें इस काम के लिए तैयार ही नहीं किया गया है।”