Portable Pitch (Image Credit- Twitter X)
अगर आप एक क्रिकेट फैन हैं तो आपने कभी न कभी पोर्टेबल पिच का नाम जरूर सुना होगा। खासकर तब जब कोई क्रिकेट टीम ऑस्ट्रेलिया दौरे पर होती है। लेकिन बहुत ही कम लोगों को पता होता है कि यह कैसी होती है और सिर्फ ऑस्ट्रेलिया में ही क्यों इसका इस्तेमाल होता है?
तो ये कुछ ऐसे सवाल है जिनका जबाव आप में से बहुत कम लोगों को पता होगा। तो आइए पोर्टेबल पिच से जुड़े सारे सवालों के जबाव इस आर्टिकल के माध्यम से देने की कोशिश करते हैं-
क्या होती है पोर्टेबल पिच
जैसा कि इसके नाम से वाकिफ है कि यह एक ऐसी पिच है जिसको एक जगह से दूसरी जगह पर पोर्ट किया जाता है। यानि कि इस पिच को एक जगह से दूसरी जगह ट्रांसफर किया जा सकता है। साथ ही बता दें कि क्रिकेट की टेक्निकल भाषा में इसे ड्राॅप इन पिच भी कहा जाता है। इस पिच को कही और तैयार किया जाता है और फिर किसी दूसरी जगह पर लाकर ड्राॅप कर दिया जाता है।
ऑस्ट्रेलिया में ही क्यों होता है इसका ज्यादा इस्तेमाल
बता दें कि ऑस्ट्रेलिया में इन पोर्टेबल पिच का इस्तेमाल होने के पीछे बहुत से कारण हैं। तो वहीं उनमें से कुछ मुख्य के बारे में अगर हम आपको बताएं, तो ऑस्ट्रेलिया में इसका इसलिए ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है, क्योंकि वहां पर स्टेडियमों की भारी कमी है। ऑस्ट्रेलियाई सरकार एक ही ग्राउंड पर क्रिकेट के अलावा और भी खेल आयोजित करती है।
तो वहीं और खेलों के आयोजन से क्रिकेट की पिच को नुकसान पहुंचने से बचाने के लिए, पिच को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ट्रांसफर कर दिया जाता है। साथ ही जब इस पिच को दूसरी जगह पर ले जाया जाता है, तो इसका एकदम क्रिकेट स्टेडियम जैसे ही तरीके से रखरखाव किया जाता है, जिसमें कृत्रिम सनलाइट, पानी और अन्य चीजें शामिल हैं।
उदाहरण के लिए बताएं तो ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (MCG) का क्रिकेट मैचों के अलाला रग्बी, फुटबाॅल और ट्रैक एंड फील्ड के रूप में काफी इस्तेमाल होता है। बता दें कि जब 2016 रियो ओलंपिक ऑस्ट्रेलिया में हुए थे, जो MCG में अधिकतर खेलों को आयोजित किया गया था, और इस समय पिच को स्टेडियम से किसी और जगह ट्रांसफर कर दिया था, जिसे बाद में ड्राॅप इन कर दिया गया था।
आशा है आप इस आर्टिकल के माध्यम से समझ पाए होंगे कि पोर्टेबल पिच क्या होती है।