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क्रिकेटर भी आ रहे इस जानलेवा बीमारी की चपेट में, वर्ल्ड चैंपियन कप्तान माइकल क्लार्क हुए शिकार

क्रिकेटर भी आ रहे इस जानलेवा बीमारी की चपेट में वर्ल्ड चैंपियन कप्तान माइकल क्लार्क हुए शिकार

क्रिकेटर भी आ रहे इस जानलेवा बीमारी की चपेट में वर्ल्ड चैंपियन कप्तान माइकल क्लार्क हुए शिकार

Michael Clarke and MS Dhoni. (Photo Source: Twitter)

Michael Clarke suffering from OCD and dangerous mental illness: साल 2015 का वर्ल्ड कप कौन भूल सकता है, ऑस्ट्रेलिया ने भारत को सेमीफाइनल में बुरी तरह हराकर फाइनल में प्रवेश किया था। उसके बाद ऑस्ट्रेलिया ने एकतरफा फाइनल मुकाबले में न्यूजीलैंड को हराकर वर्ल्ड चैंपियन की ट्रॉफी उठाई थी। यह पूर्व क्रिकेटर माइकल क्लार्क थे, जिनकी कप्तानी में साल 2015 में ऑस्ट्रेलिया ने वनडे वर्ल्ड कप का खिताब जीता था।

इसके साथ ही माइकल क्लार्क ने साल 2013 और 2015 में ऑस्ट्रेलिया को एशेज में जीत दिलाई थी। हालांकि, क्लार्क ने अब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। वह हर पूर्व क्रिकेटर की तरह कमेंटेटर के तौर पर काम कर रहे हैं और क्रिकेट से जुड़े हैं।

जानलेवा बीमारी से जूझ रहे हैं माइकल क्लार्क 

माइकल क्लार्क ने एक पॉडकास्ट मेंटल ऐज एनीवन में खुलासा किया कि वह ऑब्सेसिव-कंपल्सिव डिसऑर्डर बीमारी से जूझ रहे हैं। यह एक मानसिक बीमारी है और उन्होंने बताया है कि कैसे मानसिक रुप से स्वस्थ्य न होने की वजह से उनके शरीर पर बुरे असर होते हैं।

क्लार्क दिन भर दुखी रहते हैं और उन्हें काफी उदासी का अनुभव होता है। उन्होंने बताया कि यह अनुभव उन्हें हाल ही में होना शुरू हुआ है। लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि उन्होंने इस बीमारी का इलाज ही नहीं करवाया है और न ही कुछ ऐसा प्लान बनाया है।

“मैने कभी भी अपने मेंटल हेल्थ की जांच नहीं कराई है। मुझे लगता है कि आज के जमाने में यह एक सामान्य बात है और धीरे- धीरे खुद ब खुद ये चीजें सही हो जाती हैं। आप मेरे माता- पिता से पूछियें, यहां तक कि मै इस वजह से कभी डॉक्टर के पास नहीं गया। मेरी ऐसी हालत हो गई है कि मैं पूरे दिन बहुत दुखी, परेशान रहता हूं, और कई दिनों तक मैं एक जगह से हिलता ही नहीं, पूरे दिन बस लेटा रहता।”

“मुझे बिस्तर से बाहर निकलने का मन ही नहीं होता। परिवार के सदस्यों को खोना, अपने कुछ करीबी दोस्तों को खोना, इसलिए मुझे लगता है कि मुझे ही सबसे गहरा दुख हुआ है, लेकिन मुझे लगता है कि यह दुख था। मुझे नहीं पता कि यह डिप्रेशन था या नहीं। मैं कभी भी अपनी उदासी और डिप्रेशन को खत्म करने के लिए डॉक्टर के पास दवा लेने नहीं गया।”

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