Virat Kohli & Karn Sharma (Photo Source: Getty Images)
विराट कोहली की कप्तानी में टेस्ट क्रिकेट में भारतीय टीम के एक नए युग की शुरुआत हुई। भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में ऐतिहासिक जीत हासिल की और इंग्लैंड में सीरीज ड्रॉ कराई। विराट की आक्रमक कप्तानी ने खिलाड़ियों को काफी ज्यादा प्रभावित किया है।
कर्ण शर्मा ने 2014-15 में भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान विराट कोहली की कप्तानी में टेस्ट डेब्यू किया था। यह स्पिनर के करियर का एकमात्र टेस्ट मैच भी था। हाल ही में कर्ण शर्मा ने एडिलेड में सीरीज के पहले टेस्ट की एक यादगार कहानी साझा की।
अलग-अलग कप्तानों का अलग-अलग अप्रोच होता है- कर्ण शर्मा
2014-15 में ऑस्ट्रेलिया दौरे में सीरीज का पहला टेस्ट मैच कप्तान के तौर पर विराट कोहली का पहला मैच भी था। ऑस्ट्रेलिया ने अपनी दूसरी पारी 290 रन पर घोषित की और भारत को 363 रनों का विशाल लक्ष्य मिला था। ड्रेसिंग रूम का हिस्सा रहे कर्ण शर्मा ने बताया कि कप्तान विराट कोहली का लक्ष्य ड्रॉ के बजाय जीत हासिल करना था।
कर्ण शर्मा ने मनजोत कालरा के यूट्यूब चैनल पर बात करते हुए बताया,
हम उस मैच में 300 से ज्यादा रनों का पीछा कर रहे थे और विराट ने कहा कोई ड्रॉ नहीं, हम इसका पीछा करेंगे। इससे ड्रेसिंग रूम में कई खिलाड़ियों में काफी सकारात्मकता आई, यह एक अलग अप्रोच था। अलग-अलग कप्तानों का अलग-अलग अप्रोच होता है। लेकिन उनके शब्दों ने ड्रेसिंग रूम में खिलाड़ियों को शानदार संकेत दिया, कि आपके कप्तान के प्लान अलग है।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत ने 57 के स्कोर पर 2 विकेट गंवा दिए थे। जिसके बाद विराट और मुरली विजय की साझेदारी ने टीम को वापसी दिलाई। दोनों बल्लेबाजों के बीच तीसरे विकेट के लिए 185 रनों की साझेदारी हुई थी।
कोहली ने 175 गेंदों में 141 रनों की शानदार पारी खेल टीम को जीत के करीब पहुंचा दिया था। लेकिन फिर अगले चार विकेट 62 रन के अंतराल में गिर गए। मुरली विजय की 99 रन की पारी भी टीम इंडिया को 48 रन के हार से नहीं बचा सकी।
कर्ण ने आगे बताया,
उन्होंने (विराट कोहली) ने हमेशा यही आभास दिया कि सब कुछ ठीक है। अपनी तैयारियों, फिटनेस और मेंटल अप्रोच के माध्यम से कोहली कभी भी इस बात से परेशान या परेशान होते नहीं दिखे कि उनकी टेस्ट सीरीज खराब रही।