Piyush Chawla and Kevin Pietersen (Pic Source-X)
भारतीय टीम के दिग्गज लेग स्पिनर पीयूष चावला ने 17 साल की उम्र में अपना अंतरराष्ट्रीय डेब्यू किया था। पीयूष चावला का प्रदर्शन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में हमेशा ही काफी अच्छा रहा है। उन्होंने हाल ही में 2006 में खेले गए अपने टेस्ट डेब्यू मैच में केविन पीटरसन के खिलाफ गेंदबाजी को लेकर बड़ा खुलासा किया और साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि कैसे पूर्व इंग्लिश बल्लेबाज ने उन्हें वेलकम का संदेश दिया था।
2006 में भारत और इंग्लैंड के बीच तीन मैच की टेस्ट सीरीज खेली गई थी। इस टेस्ट सीरीज के दूसरे मैच में पीयूष चावला ने अपना डेब्यू किया था। सचिन तेंदुलकर के बाद पीयूष चावला भारत की ओर से दूसरे सबसे युवा खिलाड़ी थे जिन्होंने टेस्ट डेब्यू किया था। घरेलू क्रिकेट में उनका प्रदर्शन हमेशा ही काफी अच्छा रहा है और यही वजह है कि 17 साल की उम्र में इस खिलाड़ी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखा।
उन्होंने अपने अंतरराष्ट्रीय टेस्ट डेब्यू का पहला ओवर मेडन फेंका था। हालांकि इसके बाद उनको केविन पीटरसन का सामना करना पड़ा। केविन पीटरसन ने पीयूष चावला के दूसरे ओवर में एक चौका और एक छक्का जड़ा। यही नहीं इंग्लैंड की पहली पारी में केविन पीटरसन ने पीयूष चावला को बिल्कुल भी नहीं बख्शा और लेग स्पिनर ने 9 ओवर में बिना विकेट लिए 45 रन दिए।
सीनियर खिलाड़ियों ने मुझे सपोर्ट किया: पीयूष चावला
पीयूष चावला ने 2 Sloggers पॉडकास्ट पर कहा कि, ‘मेरे पहले टेस्ट मैच में केविन पीटरसन ने मेरे खिलाफ मैदान के हर कोने में रन बनाए थे। और उन्होंने मुझसे कहा था कि चाहे शेन वार्न हो या कोई 17 साल का बच्चा मैं ऐसे ही बल्लेबाजी करता हूं। यह अनुभव ऐसा था कि आपका अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में स्वागत है। घरेलू क्रिकेट के हर दूसरे मैच में मैं लगभग 5 विकेट हॉल लेता था। मुझे ऐसा लगता था कि चीज़ें बहुत ही आसान है लेकिन जब मैंने अपना पहला टेस्ट खेला तो यह समझ आया कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट बहुत ही मुश्किल है।’
भले ही पहली पारी में पीयूष चावला अच्छी गेंदबाजी करने में नाकाम रहे हो लेकिन दूसरी पारी में उन्होंने काफी अच्छी वापसी की और एंड्रयू फ्लिंटॉफ का महत्वपूर्ण विकेट झटका। उन्होंने दूसरी पारी में 8 रन देकर एक विकेट हासिल किया।
पीयूष चावला ने आगे कहा कि, ‘भारतीय टीम के सभी खिलाड़ियों ने मुझे काफी सपोर्ट किया। सचिन पाजी आए, वीरू भाई ने भी मुझे अपने तरीके से बात की और फिर युवी पाजी और माही भाई ने भी मुझे सपोर्ट किया। मैं यह बिल्कुल नहीं कह सकता कि वो मेरे दोस्त थे क्योंकि सभी मेरे काफी सीनियर थे।’