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एमएस धोनी की वजह से ही स्वप्निल कुसाले ने जीता Paris Olympics में ब्रॉन्ज, खुद भारतीय एथलीट ने किया बड़ा खुलासा

एमएस धोनी की वजह से ही स्वप्निल कुसाले ने जीता Paris Olympics में ब्रॉन्ज, खुद भारतीय एथलीट ने किया बड़ा खुलासा

एमएस धोनी की वजह से ही स्वप्निल कुसाले ने जीता Paris Olympics में ब्रॉन्ज, खुद भारतीय एथलीट ने किया बड़ा खुलासा

Swapni Kusale (Pic Source-X)

स्वप्निल कुसाले ने 1 अगस्त को पेरिस ओलंपिक 2024 में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया है। स्वप्निल कुसाले ने 50 मीटर राइफल 3 पोजीशन में यह मेडल जीता, जिसे मैराथन ऑफ शूटिंग भी कहा जाता है। यह पेरिस ओलंपिक में भारत का तीसरा मेडल है। भारत ने तीनों ही मेडल शूटिंग में जीते हैं। स्वप्निल कुसाले से पहले मनु भाकर और सरबजोत सिंह पेरिस गेम्स में मेडल जीत चुके हैं। ओलंपिक इतिहास की बात करें तो स्वप्निल मेडल जीतने वाले सातवें भारतीय शूटर हैं।

इसी के साथ स्वप्निल कुसाले ने एक बड़ा खुलासा किया जिसमें उन्होंने भारत के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की भी जमकर प्रशंसा की। स्वप्निल कुसाले ने कहा कि उन्हें महेंद्र सिंह धोनी ने काफी प्रभावित किया जो खुद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर बनने से पहले एक रेलवे टिकट कलेक्टर थे।

बता दें, स्वप्निल कुसाले महाराष्ट्र के कोल्हापुर के पास कंबलवाडी गांव के हैं जो 2012 से अंतरराष्ट्रीय इवेंट्स में भाग ले रहे हैं। हालांकि उन्हें 12 साल का लंबा इंतजार करना पड़ा और शानदार एथलीट ने पेरिस ओलंपिक 2024 में अपना डेब्यू किया। स्वप्निल कुसाले ने PTI को बताया कि, ‘मैं शूटिंग की दुनिया में किसी को फॉलो नहीं करता हूं। मैं धोनी को अपना आदर्श मानता हूं क्योंकि वो काफी अच्छे इंसान है।

मेरा खेल यही दर्शाता है कि हमें फील्ड पर काफी शांत रहने की जरूरत है और साथ ही उनकी और मेरी कहानी भी एक जैसी है क्योंकि मैं भी उन्हीं की तरह एक टिकट कलेक्टर रहा हूं।’

स्वप्निल कुसाले 2015 से सेंट्रल रेलवे में काम कर रहे हैं

बता दें, स्वप्निल कुसाले 2015 से सेंट्रल रेलवे में काम कर रहे हैं। स्वप्निल ने आगे कहा कि, ‘हर शॉट नया शॉट होता है। मैं बस धैर्य के साथ कोशिश कर रहा था। सिर्फ शूट करना है और शांत रहना है। आपके दिमाग में हमेशा स्कोर को लेकर काफी कुछ चीज़ें चल रही होती है लेकिन मैं ऐसा बिल्कुल भी नहीं सोच रहा था।

यह सच में काफी अच्छा अनुभव था। मुझे शूटिंग पसंद है और मैं खुश हूं कि इतने लंबे समय बाद मैं ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम कर पाया। मनु को देखकर मेरे अंदर भी आत्मविश्वास काफी बढ़ गया था। अगर वो जीत सकती है तो मैं भी यह कर सकता हूं।’

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